(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां-खीरी लखीमपुर महिला सेवा समिति के द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान लखीमपुर के आडिटोरियम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गय। कार्यक्रम ’’उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकगीत’’ की थीम पर आधारित रहा। कार्यक्रम में जाने-माने कलाकारों द्वारा बेहतरीन प्रस्तुति की गई। प्रमुख रूप से अवधी, भोजपुरी, बृज, बिरहा, आदि पर आधारित लोकगीत एवं नृत्य की प्रस्तुतियां की गई। नया साल होने की वजह से भी लोगों ने बहुत मनोरंजन उठाया और कार्यक्रम की खूब तारीफ की।
रेलिया बैरंग पिया को लिये जाये रे – समूह नृत्य पर सेजल साहू, श्रेया मिश्रा व मानवी श्रीवास्तव ने दर्शकों की तालिया बटोरी। बालम छोटो सो – लोक नृत्य पर – करूणा, सेजल, श्रेया, मानवी व रोहिणी ने दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। लोक गायन झूला पीपर पे, अवधी लोक नृत्य हमरी अटरिया पे, युगल नृत्य कैसे खेले जइबू आदि अनेक प्रस्तुतियों पर दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट से हाल गूंज उठा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक मुनीर खाॅ ने कहा कि लुप्त हो रही सांस्कृतिक विधा का संरक्षण जरूरी है। संस्था के सचिव आलोक मिश्रा ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा परम्परागत भारतीय संस्कृति के लोकगीत, लोकनृत्य जैसी विधाओं के संरक्षण का प्रयास अत्यन्त सराहनीय है।
संस्था के संरक्षक अशोक सक्सेना ने संस्कृति मंत्रालय की सराहना करते हुए कहा कि मंत्रालय विलुप्त होती विधाओं को बचाने के क्षेत्र में सरानीय कार्य कर रहा है, उन्होने आये हुए अतिथियों व कलाकरों का आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम का सफल संचालन राज्य स्तरीय प्रशिक्षक व उदघोषक जनार्दन बाबू मिश्र ने बड़े ही दिलचस्म अंदाज में किया।

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