(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी) बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल पलिया क्षेत्र के ग्राम बोधिया के कृषक अंकुर सिंह व मकनपुर के कृषक अरविंद कुमार के खेत में अक्टूबर गन्ना बुआई की शुरूआत पूजा-पाठ के साथ की गई।
कृषको द्वारा अगेती गन्ना प्रजाति को0लख0 14201,को0लख0 16202 एवं को0 0118, को0 15023, कोशा0 17231 की बुवाई ट्रेंच (दूरी 4 फिट) विधि के साथ की गयी। कृषक द्वारा भूमि उपचार के लिए ट्राइकोडर्मा को सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर लगभग एक सप्ताह तक छायादार जगह पर रखने के बाद अंतिम जुताई से पूर्व प्रयोग किया गया। साथ ही बीज उपचार के लिए 100 ग्राम थायोफेनेट मिथाइल को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने के दो आंख के टुकड़ों को 15 मिनट तक डूबाने उपरांत बुवाई की गई।
गन्ना बुवाई के दौरान चीनी मिल के वरिष्ठ उपप्रधान प्रबन्धक
(गन्ना) राजीव तोमर ,वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मिथलेश कुमार पाण्डे , विशेष सचिव सहकारी गन्ना विकास समिति देवेंद्र यादव, सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) जितेंद्र राणा समेत चीनी मिल के क्षेत्रीय अधिकारियों, कर्मचारियों सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।
इस मौके पर चीनी मिल के वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक (गन्ना) राजीव तोमर ने उपस्थित किसानो को बताया कि शरदकालीन गन्ना ट्रेंच विधि से बोने पर गन्ना उपज में 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है तथा इसके साथ सह फसली खेती आलू,मटर,की बुवाई कर अधिक लाभ ले सकते हैं।
जेष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मिथलेश पांडे ने बताया कि जिन किसान भाइयों के गन्ने के खेतों में पीलापन दिखाई दे रहा है जो जड़ बेधक, सफेद डिगार,दीमक कीट, फंगस,वैक्टिरिया एवं जल भराव के कारण हो सकता है जड़ बेधक एवं गिडार की रोकथाम के लिए क्लोरपायरीफास 20 ई .सी.2लीटर प्रति एकड़ की दर से जड़ों के पास प्रयोग करें।माइट, फंगस, बैक्टीरिया का प्रकोप होने कुछ स्थिति में प्रति एकड़ 500 ग्राम कार्बेन्डाजिम,30 ग्राम स्टेप्टोमाइसिन ,1 किलोग्राम माइक्रोफूड एवं एन पी के 2 किलो ग्राम कि 400 लीटर पानी में पर्वतीय छिड़काव करें। इससे गन्ना स्वस्थ व रोग ग्रस्त रहेगा ।