(आरमण्ड डेनिश की प्रसिद्ध कहानी “फोर टस्क्ड एलीफेंट”का हिंदी अनुवाद)

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(डॉ. निर्मला द्वारा रूपांतरित)

उस शाम आरमन्स डेनिस इतूरी जंगल में स्थित वन- विभाग के दफ्तर में था। यह दफ्तर इतूरी जंगल के लगभग मध्य में था। वन विभाग का अधिकारी पटनैम अमरीकी पर्यटकों से तर्क-वितर्क कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि अमरीकी पर्यटक अफ्रीका की वन सम्पदा का, अपनी अपेक्षा और इच्छानुसार, आनन्द नही ले पा रहे थे। पटनैम को यह अच्छा नही लग रहा था। पर्यटको में एक टैक्सास का लखपति भी था। वह कुछ ज्यादा असंतुष्ट लग रहा था। उनसे छुड़ाने की गरज से पटनैम ने कहा, “अच्छा हो, यदि आप लोग इतनी जोर से यहाँ न बोलें।”

“क्यों नहीं?” टैक्सास का लखपति उत्तेजित हो गया। “नहीं तो हाथियों का राजा सुन लेगा” पटनैग ने कहा।

“क्या ,?हाँ हाथियों का राजा वह बहुत ताकतवर है और जानता है कि जंगल में क्या हो रहा है? शिकारियों का भी वह बहुत परवाह नही करता है।” “तुम्हारा क्या मतलब है? यह हाथियों का राजा कौन है” पर्यटक झुंझला रहे थे ।

“ओह! वह एक बहुत बड़े डील-डौल वाला बूढ़ा हाथी है, पिग्मी कहते हैं कि वह हाथियों का राजा है, वह बहुत खूंखार है और यह भी कहा जाता है कि जंगल के जानवरों पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसे पता चल जाता है, आप इस पर विश्वास नहीं करेगें परन्तु सारे पिग्मी इसे मानते है और – और ?

उसके चार दांत हैं।

“चार दाँत!” टैक्सास का लखपति बोला ” और अभी तुम यह भी बोलोगे कि इस जंगल में “यूनिकार्न” भी हैं।”

“शायद मैं कहूँ” पटनैम ने कुछ शरारत से अपनी दाढ़ी सहलाते हुए कहा ।

“लेकिन चार दांत !—ऐसा तो कोई जानवर नही होता।” पर्यटक मूर्ख बनने को तैयार नही थे और पटनैम अपनी खिंचाई भी नही कराना चाहता था अतः वह मुस्कुराकर अपनी मेज से उठ गया। पर्यटक उसे सनकी समझ कर अपना सिर धुनते हुए चले गए लेकिल आरमन्ड डेनिस के छायाकार मन की जिज्ञासा जाग्रत हो उठी थी। वह बहुत देर तक चार दांत वाले हाथी की कल्पना में उलझा रहा। पटनैम इस रहस्यमय हाथी के बारे मे बहुत से प्रश्न अनुत्तरित छोड़ गया था, इनका उत्तर पाने के लिए डेनिस पटनैम की खोज में चल दिया

थोड़ी देर चलने के बाद डेनिस ने पटनैम को कैम्प के बाहरी हिस्से में कुछ पिग्मियों के साथ देखा, पटनैम ने हाथ के इशारे से डेनिस को भी वहीं बुला लिया। पिग्मी बहुत घने जंगल में रहते थे, परन्तु पटनैम के उनके साथ दोस्ताना सम्बन्ध थे, वह उनकी भाषा भी जानता था। अतः वह साथ-साथ बैठते और हंसी मजाक भी करते थे। डेनिस पिग्मियों की भाषा इतना ही परिचित था कि उनका साथ दे । सकता था। वे अपने द्वारा किए गए शिकार के बारे में बात कर रहा थे और अन्त में हाथियों की चर्चा चल पड़ी।

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डेनिस में जिज्ञासा बस उसे “चार दांत” वाले हाथी के बारे में पूछ दिया  इस पर सब चुप हो गए पटनैम न डेनिश को इस प्रकार 

 घूरा जैसे उसे यह प्रश्न नहीं पूछना चाहिए था। एक वयोवृद्ध  पिग्मी ने कहा “वह बहुत खूंखार है , उसे यह बातें पता चल जाती है जिन्हें दूसरे हाथी नहीं जान सकते हैं.उसने हमारे कई आदमी मारे हैं, हम उससे बहुत दूर ही रहते हैं, हमारे भाले भी उसके सामने किसी काम के नहीं है “इसके बाद वे सब एक परेशान से भाव में हसने लगे। डेनिस समझ नही पाया कि उस बूढ़े पिग्मी की बातोंपर विश्वास करे या न करें। डेनिस का कौतूहल बढ़ता जा रहा था। उसी दिन पुनः पटनैम को अकेला देखकर डेनिस ने उस चार दांत वाले हाथी की असलियत जाननी चाही। पटनैम बोला, “मुझसे मत पूछो तुमने उस बूढ़े पिन्नी की बातें सुनी है।”

“लेकिन क्या तुमने स्वयं उसे देखा है ?” डेनिस ने कहा।

“नही, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है, जंगल में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो मैने नहीं देखी है। इतूरी जंगल के सभी पिग्मी उस पर विश्वास करते है।” पटनैम ने डेनिस को समझाने के अन्दाज में कहा। लेकिन समझने के बजाय डेनिस पर चार दांत वाले हाथी की धुन सवार हो गई। उसने इस हाथी को स्वप्न में भी देखा। डेनिश ने ठान

न लिया कि वह इस हाथी को अवश्य ढूंढ निकालेगा और उसकी फिल्म बनायेगा। डेनिस ने अब तक वन्य जीवन के बहुत से दुर्लभ क्षण अपने कैमरे में बन्द किये थे परन्तु इस सर्वाधिक रहस्यमय और अविश्वसनीय जीव की फिल्म उतारने की बात ही कुछ और होती अतः डेनिस ने हिम्मत नही हारी। इस हाथी तक पहुँचने के लिए डेनिस ने पहले पटनैम से ही मदद मांगी परन्तु पटनैम ने साफ इनकार कर दिया और डेनिस को इस हाथी का ख्याल छोड़ देने की सलाह दी।

        लेकिन डेनिस उन दिनों युवा था, उत्साही और उद्यमी तो था ही अतः उसे पटनैम के सुझाव पर अपने संकल्प को छोड़ देने का कोई तर्क समझ में नही आया। उसने पटनैम से इस विषय में कुछ नहीं कहा लेकिन अब जो भी पिग्मी मिलता वह उससे चार दांत वाले हाथी के बारे में जानने की कोशिश करता। उनमें से कई पिग्मियों ने इस हाथी को देखने का दावा भी किया, हर एक से डेनिस को इसके बारे नई कथा सुनने को मिलती. एक ने यह भी बताया की वह मनुष्य की आवाज में बात भी कर सकता था। डेनिस उनसे पूछता” – लेकिन अब वह कहाँ है?” वे जंगल में पूर्व की ओर इशारा कर कहते कि बहुत दूर है। डेनिस पिग्मियों की कथाओं से सार निकालने की कोशिश करता तो उनकी हाथियों की इच्छा और बलवती हो जाती। पिग्मियों की बातचीत के आधार पर डेनिस ने हाथी की उपस्थिति के स्थान के बारे में अनुमान लगाया वे सभी एक खास जगह का संकेत देते थे। यह स्थान पटनैम के कैम्प से 80-90 मील की दूरी पर नीचा और दलदली था। उस भयानक स्थान तक डेनिस के साथ जाने के लिए कोई पिग्मी तैयार नहीं था। बहुत कोशिश करने के बाद डेनिस को आखिर तीन ऐसे पिग्मी मिल ही गए जो दूसरों से अधिक साहसी थे। इनको अपना गाइड बनने के बदले में डेनिस को अपने सारे तम्बाकू का सौदा करना पड़ा था।

डेनिस ने पटनैम को अपने इस अभियान की सूचना दी तो पटनैम ने कोई प्रतिक्रिया नही जाहिर की हालांकि डेनिस जानता था कि पटनैम को यह अच्छा नही लग रहा था लेकिन वह उसे रोक भी नही सकता था। अपना सफर शुरू करते समय डेनिस भी नही सोच पा रहा था कि वह उसकी वीरता है अथवा मूर्खता लेकिन अपनी इच्छाशक्ति के बल पर वह चला जा रहा था।

तीन दिन तक घने जंगलों के बीच यात्रा करने के बाद चौथे दिन डेनिस को लगा जैसे वे अपने गन्तव्य तक पहुँच गये हैं। इस स्थान पर पेड़ कम थे और जमीन नम थी, बहुत से हाथियों का ताजा गोबर भी पड़ा था।

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डेनिस ने एक ट्रक  सुरक्षित स्थान पर रोक दिया। यह दोपहर का समय था भोजन आदि से निबट कर डेनिस के पिग्मी गाइड एक खास हाथी के पदचिन्हों की तलाश करने लगे। सावधानी से यह कार्य कर रहे थे। लगभग 6 घंटे के परिश्रम के बाद उन्हें हाथियों का एक बहुत बड़ा झुण्ड दिखाई पड़ा। वे डेनिस और उनके साथियों को उपस्थिति से बेखबर, आराम से चर रहे थे। जिस हाथी के पदचिन्हों को पिग्मियों ने तलाश था, वह एक विशालकाय वृद्ध हाथी था जो कि झुण्ड के बीच में था। उसका डीलडौल तो राजा जैसा था लेकिन उसके दांत तो केवल दो ही थे। उस पर डेनिस के पिग्मी गाइड खिसियानी हंसी हसे बोले, ” यह राजा नहीं है, उसे मालूम हो गया कि आप आ रहे हैं और वह यहां से चला गया है।” डेनिस को असफलता पर बड़ी खीझ हुई, अपनी मूर्खता पर गुस्सा भी आया कि उसने व्यर्थ ही पिग्मियों की कथाओं पर विश्वास किया, लेकिन अब सिवा चुपचाप लौट आने के वह कर भी क्या सकता था। अब उसने मान लिया कि पिग्मियों का “हाथियों का राजा” उनकी “परीकथाओं में ही है असलियत में उसका वजूद नहीं है।

“डेनिस के सकुशल वापस लौट आने पर पटनैम भी चिन्तामुक्त प्रतीत हुआ। कुछ दिनों बाद डेनिस पटनैम का कैम्प छोड़कर कांगो के दूसरे भागो में शूटिंग करने चल दिया। कई महीने बाद डेनिस संयोग से पिग्मियों के देश में वापस लौटा। शाम हो चुकी थी, पटनैम का कैम्प काफी दूर था अतः रात बिताने के लिए डेनिस ने बटेम्बू नामक स्थान पर रूकने का निश्चय किया। बटेम्बू एक उदास बीरान सी जगह थी वहां ठहरने का एक मात्र स्थान था “बटेम्बू होटल।” डेनिस वहीं रात्रि विश्राम के लिए ठहर गया। डेनिस अपने आगे के कार्यक्रम की रूपरेखा में उलझा हुआ था उसे इस बात का जरा भी अहसास नहीं था कि वह फिर “चारदांत” वाले हाथी के मायाजाल में फसने जा रहा है जिसे वह पिग्मियों की परीकथा” मान कर भूल चुका था।

अपने ही विचार में उलझा हुआ उस रात वह होटल की मेज पर अकेला बैठा हुआ था तभी उसके पास वाली मेज पर चार स्थानीय बेल्जियमवासी ईवनिंग ड्रिंक के लिए आकर बैठे। वे फ्लेमिश भाषा में बात कर रहे थे। फ्लेमिश भाषा से डेनिस अपने बचपन से ही परिचित था। अफ्रीका के घने जंगलों के मध्य में अपनी परिचित भाषा को सुनना डेनिस के लिए सुखद आश्चर्य था। डेनिस बेपरवाही से बैठा हुआ था, उसने उन भद्रजनों से परिचय करने की कोई कोशिश नही की, तभी उनकी बातचीत में एक जगह “ओल्फैिन्ट” शब्द सुनकर डेनिस थोड़ा चौका। उसने थोड़ा ध्यान देकर उनकी बात-चीत सुननी शुरू कर दी, वे चार दांत वाले हाथी के बार में ही बात कर रहे थे। डेनिस के आश्चर्य का ठिकाना न था, वह अब अकेला बैठा नही रह सका, उनसे उन बेल्जियमवासियों को अपना परिचय दिया और उनसे उस चार दांत वाले हाथी के बारे में पूछा जिसके बारे में वे अभी बात कर रहे थे। उनमें से एक ने मुस्कुराते हुए कहा “ओह! यह वास्तव में कुछ भी नहीं है, मैं, अ दोस्तों बता रहा था कि एक शाम मै अपने एक व्यापारी मित्र के दफ्तर में बैठा हुआ था कि अफ्रीकी दो जोड़े हाथी के दांत लेकर वहाँ बेचने आया, जैसा कि आप जानते हैं कि यहाँ हाथियों को मारने पर टैक्स लगता है, मेरा मित्र हाथी के दांत खरीदने वाला सरकारी एजेन्ट है, उसने हाथियों पर लगने वाला टैक्स मांगा। जानते हैं! उसने क्या उत्तर दिया?”

क्या? डेनिस ने आश्चर्य से पूछा।

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“उस आदमी ने कहा  बवाना साहब मैने कोई हाथी नहीं मारा, मुझे जंगल में एक हाथी मरा हुआ  पड़ा  मिला उसी के यह चारों दांत हैं ।” वे सब हसने लगे, उन्हें मनोविनोद के लिए अच्छी कहानी  मिल गई थी। परंतु डेनिस इसका दूसरा पहलू देख रहा था। “फिर क्या हुआ” उसने पूं छा!

आप क्या सोचते हैं? यह एजेन्ट ग्रीक है और ग्रीक मूर्ख नहीं होते हैं, इसके अतिरिक्त क्या कोई सरकारी अधिकारी इस बात पर विश्वास करेगा कि चार दांत वाले हाथी भी होते हैं। उसने दो हाथियों पर लगने वाली टैक्स की रकम दांत के मूल्य में से काट कर पैसे उस अफ्रीकी को देकर वहाँ से भगा दिया।

डेनिस सोचने लगा कि हो सकता है, वह अफ्रीकी, सरकारी एजेन्ट को ठगने की कोशिश कर रहा हो लेकिन चारदांत वाली कहानी ने डेनिस की जिज्ञासा फिर जागृत कर दी थी। डेनिस ने उन बेल्जियम वासियों को धन्यवाद किया और अपने बिस्तर पर आ लेटा। यद्यपि वह चारदांत वाले हाथी के चक्कर में एक बार मूर्ख बन चुका था लेकिन फिर भी उसकी रात मुश्किल से गुजरी। वह इस एजेन्ट से मिलने को बेताब था। सुबह दुकान खुलते ही डेनिस उस एजेन्ट के सामने मौजूद था। उस एजेन्ट का नाम जाण्टोस था। उसने भी विनोद पूर्ण अन्दाज में वही कहानी दोहराई।

“परन्तु क्या आपने हाथी दांत खरीदें?” डेनिस ने पूछा। “बिलकुल, मैंने खरीदे, ज्यादा अच्छे तो नहीं थे फिर भी मैंने उन्हें खरीद लिया, किसी कमजोर बुड्ढे हाथी के दांत लग रहे थे, यद्यपि आठ फिट लम्बे थे, परन्तु दुबले पतले थे।” जाण्टोस ने बताया। “क्या मैं उन्हें देख सकता हूँ?” डेनिस ने जानना चाहा।

“आप अवश्य देख सकते थे, यदि वे यहाँ होते । वे दांत उसी दिन हमारे एबा के सेन्ट्रल वेयर हाउस भेज दिये गये थे, वहाँ से उनकी छंटनी करके बेल्जियम भेज दिए जायेंगे। यदि आप उन्हें देखना ही चाहते हैं तो बेयरहाउस को लिख सकते हैं।” जाण्टोस ने बताया।

डेनिस को फिर बड़ी निराशा हुई, वह सोच रहा था कि अब सम्भवतः चार दांत वाले हाथी का रहस्य सूत्र उसके हाथ आ गया है लेकिन हाथी तो उसे आसानी से मिल नही सकता था दांत भी उसके पहुँच से बाहर हो चुके थे। डेनिस ने जाण्टोस से दांतों के वजन के बारे में जानना चाहा । जाण्टोस ने अपने कागज उलटे-पल्टे और बताया कि एक दांत 22 किलो दूसरा भी इतना ही, तीसरा 23 किलो से कुछ ज्यादा और चौथा 24 किलो का था। डेनिस ने कहा, “आठ फिट लम्बे दांतों के हिसाब से यह वजन बहुत कम है।”

जाण्टोस ने आश्चर्य से डेनिस को देखा, और कहा, “आप इस खराब हाथी के दांत के बारे में बहुत उत्सुक जान पड़ते हैं, यदि आपको हाथी के दांत ही चाहिए तो मै आपको बहुत अच्छा माल दे सकता हूँ।”

“लेकिन चार दांत एक दूसरे से मिलते-जुलते पा लेना बहुत मुश्किल है।” डेनिस ने समझाने वाले अन्दाज में कहा परन्तु यह बात जाण्टोस की समझ से परे थी कि डेनिस उस खराब हाथी

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दांत में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहा था और डेनिस उसे बताना भी नही चाहता था कि वास्तव में वह चार दांत वाले हाथी की खोज कर रहा था। जाण्टोस ने पीछा छुड़ाने की नजर से पूछा, “मैं आपकी कोई और मदद कर सकता हूँ?” डेनिस ने उस अफ्रीकी का नाम-पता जानना चाहा जो इन दांतों को बेचने आया था, लेकिन इस बारे में जाण्टोस कोई मदद नहीं कर सका। उस अफ्रीकी का नाम पता उसके पास नहीं था, उसे तो जाण्टोस ने “फ्राड” कहकर भगा दिया था।

डेनिस ने जाण्टोस से विदा ली और अब क्या करे? यह सोचता हुआ वह बाहर निकल आया। बटेम्बू की गलियों में खाक छानता हुआ डेनिस उस अफ्रीकी की खोज में चल दिया। असल में बटेम्बु एक छोटी सी बस्ती थी और वहाँ सभी अफ्रीकी एक दूसरे से परिचित थे। लगभग आधे घण्टे के परिश्रम के बाद, डेनिस ने उस अफ्रीकी को खोज लिया। उसका नाम मोम्बेली था उसकी झोपड़ी गाँव के बाहरी किनारे पर थी। डेनिस जब उसके पास पहुँचा तो वह निराश सा बैठा था। पहले तो मोम्बेली ने समझा कि डेनिस उसे गिरफ्तार करने आया है अतः उसने डेनिस के प्रश्नों का कोई उत्तर नही दिया। डेनिस ने एक सिगरेट जलाकर मोम्बेली को दी और फिर पूरा पैकेट उसके हाथ में दे दिया। डेनिस जानता था की अफ्रीकियों से मित्रता करने में तम्बाकू महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मोम्बेली आश्वस्त हो गया और डेनिस के सवालों के जवाब देने लगा। पहले तो डेनिस ने उसे जानना चाहा कि वे चारों दांत उसे एक हाथी से मिले थे अथवा टैक्स बचाने के लिए वह एजेन्ट को बेवकूफ बना रहा था ?

“नहीं बवाना, मैं किसी को बेवकूफ नही बना रहा था” मोम्बेली ने सादगी से कहा।

“तुम्हारे कहने का मतलब यह है कि तुमने जंगल में एक हाथी मरा हुआ पाया जिसके ये चारों दांत थे किसी ने आज तक चार दांत वाला हाथी देखा सुना नहीं है। डेनिस ने पूछा ।

मैं जानता हूँ बवाना! मुझे भी पहले विश्वास नही हुआ था लेकिन वह बहुत बड़ा था लेकिन मरा पड़ा था, उसके ही वे चारों दांत थे जो मैं बेचने के लिए गया था।” मोम्बेली ने कहा। उसके चेहरे पर खिसियाहट के भाव थे, उसे लग रहा था उसके कहने पर कोई विश्वास नहीं करेगा जबकि वह झूठ नहीं बोल रहा था। डेनिस ने उस स्थान के बारे में मोम्बेली से जानना चाहा, जहाँ पर वह हाथी उसे मरा हुआ मिला था। मोम्बेली ने पश्चिम की ओर इशारा करते हुए लगभग उसी स्थान का वर्णन किया जहाँ डेनिस पहले पिग्मियों के साथ हाथी की खोज में गया था।

डेनिस को उसकी बात का विश्वास हो. चला, वह इस आश्चर्यजनक संयोग की दुखद कल्पना में बह गया लेकिन दूसरे ही क्षण उसने सोचा, अफ्रीका में विचित्र घटनाएँ घटती रहती है। डेनिस ने मोम्बेली से पूछा कि क्या वह दुबारा उस हाथी के अवशेषों को ढूढ़ सकता है पहले तो मोम्बेली हिचकिचाया लेकिन डेनिस जानता था कि इन अफ्रीकियों आदिवासियों से काम कैसे करवाया जा सकता है? वह मोम्बेली पकड़ कर अपने ट्रक के पास ले गया, मोम्बेली बिना किसी उत्साह के यन्त्रवत उसके साथ चला आया। डेनिस ने ट्रक का विछला दरवाजा खोलकर लालटेल, क्रेम बैटरी से चलने वाली फ्लेश लाइट, निकाली और अपनी हाथ की घड़ी उतार कर कहा, “सुनो मोम्बेली, मुझे उस हाथी का सिर हर हालत में चाहिए मुझे उत्तर की ओर जाना है, यदि मेरे लौटने पर तुम मुझे

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 हाथी के सिर के साथ ही यहीं मिलो तो ये सारी चीजें तुम्हारी  हो जाएगी”। मोम्बेली के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

मुस्कान फँस गयी। डेनिस को मालूम था कि इन चीजों को

पाने के लालच में मोम्बेली नहीं करसकेगा। मोम्बेली उस हाथी का सिर खोजने के लिए तैयार हो गया। 

       अब डेनिस को दांत प्राप्त करने के लिए प्रयास करना या अतः उसने  एबा  के वेयरहाउस को पत्र लिखा कि वे हाथी के दांत उसके लिए  सुरक्षित कर लिए जाएं। डेनिस उनके लिए बाजार भाव से अधिक कीमत देने को तैयार था। इस प्रकार एक बार फिर डेनिस ने उस चार दांत वाले हाथी का रहस्य सुलझाने के लिए कमर कस ली। लेकिन जब तक उसे हाथी के दांत और सिर नहीं मिल जाता उसका समय नष्ट ही होता, यह सोचकर डेनिस अपनी यात्रा पर चल दिया।

      संयोग से डेनिस को अपनी इस यात्रा में कुछ अधिक समय लग गया। वह लगभग चार महीने बाद बटेम्बू वापस लौटा, और सीधे मोम्बेली की झोपड़ी में पहुंचा लेकिन झोपड़ी  खाली थी। डेनिस ने लोगों से उसके बारे में पूछा लेकिन कोई बता नहीं पाया कि वह कहां गया है। डेनिस को मोम्बेली से अधिक हाथी के सिर की चिंता थी। उसने उसकी झोपड़ी और पास पड़ोस में हाथी का सिर खोजा लेकिन उसे कुछ नहीं मिला। डेनिस एक बार फिर मायूस हो गया. चार दांत वाले हाथी का रहस्य उसके हाथ से निकला जा रहा था।

एकाएक डेनिस को मि. रिनॉड की याद आई । मि. रिनॉड एक स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर थे और वेल्जियम के ही निवासी थे। डेनिस का उनसे परिचय था, हो सकता है मोम्बेली ने उनके पास हाथी का सिर रखवा दिया हो, यद्यपि वे इस प्रकार की चीजों में रूचि लेने वाले व्यक्ति नहीं थे। फिर भी डेनिस अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिए उनके दफ्तर की ओर चल दिया। डेनिस के पूछने पर पहले तो मि. रिनॉड ने नकारात्मक रूप से सिर हिलाया लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह एक हाथी का सिर था तो मि. रिनॉड फूट पड़े, “अच्छा! तो यह हाथी का सिर था, सड़ा हुआ, उनमें कीड़े रेंग रहे थे, पूरा दफ्तर बदबू से भर गया। अगली बार तुम अपने अफ्रीकी दोस्तों को सड़ा हुआ हाथी लाने को कहोगे। मैं तुम्हारा बहुत अहसान मंन्द रहूँगा यदि तुम उसे किसी और के घर पर रखवाने की व्यवस्था कर लो” —-। डेनिस ने हाथी के सिर के उस भयावह रूप की कल्पना भी नहीं की थी जिसका वर्णन मि. रिनॉड कर रहे थें, डेनिस ने उन्हें शान्त करने की कोशिस की और जानना चाहा की इसके बाद क्या हुआ। मि. रिनॉड ने गुस्से में ही उत्तर दिया कि उन्हें उस अफ्रीकी को हाथी के सिर समेत वहाँ से भगा दिया था।

अफसोस मनाने के अलावा डेनिस कर ही क्या सकता था। जब तक चारों दांत और हाथी का सिर नही मिल जाता, इस ‘परी कथा’ पर कोई विश्वास नहीं करता। डेनिस पोस्ट ऑफिस की ओर चल दिया उसे उम्मीद थी कि दांत यहाँ अब तक अवश्य आ चुके होंगे। लेकिन दांतों के स्थान पर उसे एक पत्र मिला। पत्र के अनुसार हाथी के दांत एण्टवर्प के वेयरहाउस में भेजे जा चुके थे लेकिन अच्छा था कि उनके पैकेट नम्बर पत्र में लिखे थे, पर इतने से ही काम बनने वाला नहीं था। हतोत्साहित डेनिस अपने कैम्प की ओर वापस लौट पड़ा। वापसी का रास्ता भी वही था, इस बार मि. रिनॉड के दफ्तर के सामने से गुजरते हुए डेनिस की नजर एक कीचड़ भरे गड्ढे पर पड़ी जिसने सड़‌क को आधे गोलादायरे की शक्ल में छोड़ा हुआ था । पहली नजर में वह हड्डियों का गोला सा

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, मालूम हुआ जो कीचड़ में सड़ा हुआ था उसे अपनी छड़ी से पूछा और मिट्टी हटाने की कोशिश की जैसे-जैसे मिट्टी हटती गई, डेनिस की आंखों में चमक आती गई।  यह वही दुर्भाग्यपूर्ण हाथी का सिर था जिसकी वजह से मोम्बेली और डेनिसको काफी कुछ झेलना पड़ा था हाथी मर चुका था लेकिन उसकी किस्मत में अभी कुछ और भी बाकी था।

डेनिस ने तुरन्त पोस्ट ऑफिस जाकर अपने पिता को टेलिग्राम किया वेयरहाउस से 4832 और 4630 नम्बर के पैकेट तुरंत खरीद लें। क्योंकि डेनिस का परिवार एण्टवर्प  में ही रह रहा था अतः उसके लिए कोई कठिनाई नहीं थी। इस  प्रकार दांतों को सुरक्षित कर डेनिस हाथी के सिर की खुदाई के लिए तैयार हुआ। यह काम उसे खुद ही करना था। मि. रिनॉड से डाट खाने के बाद मोम्बेली ने हाथी के सिर को छिपाने के लिए संभवत: सबसे सुरक्षितजगह यही समझी होगी। डेनिस ने खुदाई शुरू की, यह काफी परिश्रम का काम था लेकिन डेनिस उत्साह में खुदाई करता जा रहा था। इससे भयंकर बदबू आ रही थी , मिस्टर रिनाड का गुस्सा बेवजह नहीं था ।  एक आम आदमी को इससे क्या सहानुभूति हो सकती थी। डेनिस किसी तरह सांस रोक कर खुदाई करता रहा। खोद लेने के तुरन्त बाद डेनिस ने उसके दांत वाले साकेट देखें ,  एक के‌ बाद एक दोनो तरफ के दो-दो साकेट । डेनिस खुशी से झूम उठा। इस सिर को पा लेना एक बहुत बड़ी सफलता थी। डेनिस सोच रहा था कि मोम्बेली वास्तव में इनाम का हकदार था। परन्तु दुर्भाग्य ही था कि वह उससे वंचित रह गया, इस हाथी के दांत और सिर के पीछे उस भोले अफ्रीकी को अपमानित होना पड़ा था, जिसके बल पर डेनिस एक ऐसी चीज सिद्ध करने जिसकी कल्पना भी कभी किसी ने नही की थी।  

लेकिन डेनिस की मुसीबतें यही खत्म नही हो गई थीं। डेनिस ने यूरोप लौटने की तैयारी शुरू कर दी। हाथी के उस सिर को यूरोप लाने के लिए उसे बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। पहले इसे एक त्रिपाल में लपेट कर ट्रक पर रखा गया ताकि इसकी बदबू डेनिस और उसके साथी तक न पहुँच सके लेकिन फ्रेंच इक्वेटोरियल अफ्रीका को पार करते समय एक पेड़ की डाल से रगड़ कर यह सिर एक नाले की धार में जा पड़ा, जहाँ से बहुत मुश्किल से उसे निकाला जा सका। अब डेनिस ने तय कर लिया कि इस सर को अपनी नजरों से दूर नहीं करेगा। उसने सिर को नीचे ही रखा लेकिन इसकी भयंकर बदबू को बरदाश्त करना डेनिस के ही बस की बात थी. कोई और उसके साथ यात्रा नही कर सकता था अतः आगे की यात्रा डेनिस को अकेले ही करना पड़ी।

6 दिन की यात्रा के बाद डेनिस सहारा का रेगिस्तान लगभग पार कर चुका था। इसी यात्रा के दौरान एक रात डेनिस सोने ही जा रहा था कि उसे एक गुर्राने की आवाज सुनाई दी। उसने अपने कैम्प से बाहर झांका तो चांद की रौशनी में तीन लकड़बग्घे दिखाई दिये वे किसी चीज के लिए आपस में लड़ रहे थे, डेनिस ने ध्यान से देखा वह हाथी का सिर ही था। जिसे वे ट्रक से खींच ले गये थे। डेनिस ने ट्रक का दरवाजा थोड़ा सा खुला छोड़ दिया था जिससे हवा आती जाती रहे। हाथी के सिर के बदबू के लकड़बग्घों को आकर्षित किया था। डेनिस ने लकड़बग्यों को भगा कर फिर सिर को सुरक्षित स्थान पर रखा। लकड़बग्घों ने सिर के पिछले हिस्से की हड्डियां की जगह से तोड़ दी थीं। लेकिन जबड़ा और दांतो के साकेट सुरक्षित थे। डेनिस ने चैन की सांस ली।

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उसके बाद सावधानी से नमूने को बचाते हुए डेनिस सहारा, मोरक्को, स्पेन ववववं फ्रांस पार करके एन्वटर्प पहुंचा। टेनिस 18 महीने के बाद अपने परिवार के सदस्यों से मिल रहा था सभी बहुत खुश थे डेनिस भी प्रसन्न था कि उसने मुसीबतें झेल कर आखिर सफलता पा ली थी। वह जल्दी से जल्दी

हाथी के सिर को दांतों के साथ फिट करके देखना चाहता था। वह इतना उतावला हो रहा था कि उसका अपने पिता से पहला प्रश्न यही था कि उन्होंने वे हाथी  के दांत  खरीदे या नहीं जिसके बारे में उसने तार से सूचित किया था। उसके पिता ने भी जाण्टोस वाली बात दोहराई कि वहां इससे भी बहुत अच्छे दांत थे। लेकिन डेनिस स्पष्ट उत्तर न पाकर अधीर हो रहा था। वीच में ही टोकते हुए उसने पूछा “आपने वे खरीदें या नहीं? उसके पिता ने बड़े सहज भाव से उत्तर दिया, “मैं काफी देर तक यह नहीं समझ पाया कि तुम उन निकृष्ट दांतो को क्यों खरीदना चाहते हों? डेनिस का दिल जैसे बैठने लगा, उसने सोचा एक बार फिर उसकी सारी मेहनत व्यर्थ चली गयी। उसने डूबती आवाज में फिर पूछा “आपने उन्हें खरीदा?”

हां, मैंने उन्हें, खरीद लिया है, वे सुरक्षित हैं, इतने उत्तेजित क्यों हो आरमण्ड? डेनिस के पिता उस रहस्य से अंजान थे जिसके लिए ‘डेनिस वे हाथी के दांत चाहता था अतः डेनिस के व्यवहार पर उनकी प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। डेनिस ने उनकी बात का कोई उत्तर नहीं दिया बल्कि जल्दी से पूछा “वे कहां है?”

“न्यूयार्क में”

“न्यूयार्क में?” डेनिस ने आश्चर्य से पूछा तो पिता ने बताया डेनिस के अन्य नमूनों के साथ दे भी उन्होंने न्यूयार्क के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम भेज दिये थे। खैर! यह जानकर डेनिस को बड़ा सुकून मिला कि वे दांत सुरक्षित थे। 15 दिन बाद डेनिस न्यूयार्क की ओर चला। इस बार हाथी का सिर उसने एक बड़े एयरटाइट बैग में रखा। इस बैग का आकार – प्रकार विचित्र प्रतीत हो रहा था। न्यूयार्क पहुंच कर सीधा म्यूजियम पहुंचा। म्यूजियम के डॉ. जेम्स क्लार्क डेनिस का इन्तिजार कर रहे थे। उन्होनें डेनिस को हाथी के दांत दिखाए ये बिलकुल वैसे ही थे। जैसे जाण्टोस ने बताए थे। डेनिस ने हाथी का सिर निकाला और उनके साकेटों में वे दांत फिट करने लगा। तीन दांत तो आसानी से फिट हो गए लेकिन चौथा दांत नही फिट हो पा रहा था। डेनिस ने दांत के आकार को ध्यान से देखा वह अन्दर की ओर मुड़ा हुआ था और रगड़ के निशान उस पर थे, तुरन्त उसने चौथे दांत को भी सही स्थान पर फिट कर लिया। इस सिर को चार दांतों के साथ देखते हुए डेनिस को पटनैम के कैम्प में हुई बात-चीत याद आ गई।

इतूरी जंगल का राजा अब रहस्य नही रह गया था। यद्यपि डेनिस को अब भी विश्वास नही हो रहा था कि ऐसा कोई प्राणी धरती पर रहा होगा परन्तु उसकी यह धारणा थी कि अफ्रिका मे विचित्र घटनाएँ घटती रहती हैं। पिग्मियों का “हाथियों का राजा” हकीकत में उसके सामने था, यद्यपि डेनिस को उसके अवशेष ही मिले थें। काश! वह जीवित होता और डेनिस उसे अपने कैमरे के माध्यम से सारी दुनिया को दिखा पाता ।

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