(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां(खीरी)
जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज में महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 136 जयंती व 12वां राष्ट्रीय गणित दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर प्रधानाचार्य कृष्ण अवतार भाटी ने कहा कि रामानुजन गणितज्ञों के लिये अद्वितीय प्रेरणास्रोत हैं।उन्होंने 1903 से 1914 तक3542 प्रमेय सिद्ध की थीं।उन्हें गणित व अंग्रेजी में विशेष रुचि थी।जिसके कारण वह कक्षा12 में अन्य विषयों में अनुत्तीर्ण हो गये।उनकी गणित की प्रतिभा इंग्लैड के महान गणितज्ञ प्रो हार्डी के कानों तक पहुंची।उन्हें इंग्लैंड भेजने की व्यवस्था की गई।प्रो हार्डी उनसे बहुत प्रभावित हुए।उन्होंने प्रो हार्डी के कई अनुत्तरित गणित के प्रश्नों को हल किया।उन्हें केम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने गणित में बीए की उपाधि से सम्मानित किया।उन्हें रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन का सदस्य बनाया गया।वे दुनिया के सबसे कम उम्र के सदस्य थे।उन्होंने बताया था कि1729 ऐसी सबसे छोटी संख्या है जिसे दो संख्याओं के घनों के योग से प्राप्त किया जा सकता है।विद्यालय की गणित शिक्षिका कृतिका वर्मा ने कहा कि रामानुजन ने माक थीटा फंक्शन की खोज की थी, जिसके द्वारा आज भी केंसर जैसी खतरनाक बीमारी का पता लगाया जाता है।उन्होंने हाईस्कूल में ही क्यूब और बायक्वाडरेटिक का सूत्र खोज लिया था।विद्यालय की नोडल अधिकारी आकृति गुप्ता ने कहा कि वे कहते थे कि मेरे लिये गणित के उस सूत्र का कोई मतलब नहीं है, जिससे मुझे आध्यात्मिकता का विचार नहीं मिलता है। उन्हें केवल 33 वर्ष का जीवन मिला, लेकिन आध्यत्मिक व गणित के क्षेत्र में उनका स्वर्णिम योगदान अवर्णीय है।कार्यक्रम का सफल संचालन रचना मिश्रा ने किया।इस अवसर पर गणित के सभी छात्राओं व शिक्षिकाओं की सार्थक उपस्थिति रही।

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