(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- खीरी खंभारखेडा (खीरी)
बजाज हिंदुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल खंभारखेडा क्षेत्र के ग्राम कारीकोट निकट गिरिजापुरी क्षेत्र में शरद कालीन गन्ना बुआई को लेकर दिन शुक्रवार को वृहद कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों प्रगतिशील गन्ना कृषक शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर से आये वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० अरविंद कुमार ने प्रति इकाई गन्ना उत्पादन बढ़ाने हेतु मृदा परीक्षण के आधार पर संतुलित खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग, गहरी जुताई करके हरी खाद हेतु सनई अथवा ढेंचा बुवाई कर के फूल आने से पहले खेत में ही पलट कर जुताई कर दें, कम्पोस्ट एवं सड़ी हुई गोबर की खाद का प्रयोग करने हेतु बताया तथा जातीय संतुलन की पहचान और एक ही वैरायटी पर निर्भर न रहने हेतु कृषकों को बताया।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० सुजीत कुमार ने गन्ने में लगने वाली बीमारियां, पहचान एवं निदान तथा कीट प्रबंधन के साथ साथ रेड-रॉट से बचाव, सीड नर्सरी प्रोग्राम, भूमि और बीज उपचार के महत्व के बारे में बताया, गन्ना प्रजातियों जैसे को0 15023, को लख0 14201 एवं कोशा 13235 जैसी नवीनतम प्रगतिशील जातियों की जानकारी दी।
चीनी मिल के उपाध्यक्ष /यूनिट हेड अवधेश कुमार गुप्ता ने किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि क्षेत्रीय किसानों के लिए वैक्यूम बीज शोधन मशीन (VST D) रखवा दिया गया है जिससे क्षेत्र के किसान निःशुल्क बीज उपचारित कर सकते है।उन्होंने किसानों से कहा की चीनी मिल 8नवंबर को चलेगी किसान भाई चीनी मिल को साफ एवं ताजा गन्ना ही आपूर्ति करें यह मिल आप के हितों को सर्वोपरि रखकर कार्य कर रही है,गन्ना मूल्य भुगतान के बारे मे बताया कि 28जनवरी 2023 तक का भुगतान कर दिया गया है शेष भुगतान की समुचित व्यवस्था की जा रही है।
वरिष्ठ प्रधान प्रबंधक डॉक्टर अनिल त्रिपाठी ने बताया कि शरद कालीन गन्ना बुआई वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए कृषक क्रियाओं को अपनाकर अधिकतम लाभ उठाएं तथ सह फसली खेती से दोहरा लाभ कमाए। चीनी मिल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही कीटनाशक एवं फफूंदनाशक दवाएं चीनी मिनी स्टाफ से संपर्क कर कृषक भाई ले सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक नानपारा मनोज उपाध्याय, चीफ केन मैनेजर नानपारा चीनी मिल गौरव द्विवेदी, कृषक उमेश प्रताप सिंह, मोहम्मद अकरम,श्याम लाल,जगदीश प्रसाद, भूपेंद्र सिंह ,पंजाब सिंह, अमरेंद्र सिंह ,अजीत सिंह अपने अपने सुझाव व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ० अनिल कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया।