(राजीव गोयल)

पलियाकलां- (खीरी )मैलानी रेंज की जटपुरा बीट के गांव चौधीपुर के नजदीक सुबह साढे नौ बजे घास कट रहे एक युवक पर बाघ ने हमला कर दिया।अन्य साथियों द्वारा हल्ला मचाने से बाघ गन्ने के खेत में चला गया। वन कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।


चौधीपुर निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि गांव से थोड़ी दूर मंगल के खेत में धान की रोपाई चल रही है। उसमें पानी भरने के लिए राजकुमार सुबह खेत पर गया था जब उसने खेत में पानी चला दिया तब पास ही गन्ने के खेत की मेड़ पर खड़ी घास को पशुओं के लिए काटने की सोची। जैसे ही वह घास काटने के लिए झुका गन्ने के खेत से निकलकर बाघ ने उस पर हमला कर दिया। वह चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर पडो़स में काम कर रहे अन्य साथी फावड़ा इत्यादि लेकर मौके पर पहुंच गए और उन्होंने फावड़े और डंडे को जमीन पर पटकना शुरू कर दिया जिससे बाघ गन्ने के खेत में घुस गया। जानकारी मिलने पर जटपुरा बीट के फॉरेस्टर अखिलेश सिंह अपने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। घायल राजकुमार को वनकर्मी बाइक से अस्पताल लेकर इलाज कराने चले गए तथा फॉरेस्टर अखिलेश सिंह ने अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया।
ओमप्रकाश ने बताया कि आज सुबह से चार लोग बाग के हमले से बाल बाल बच चुके हैं सुबह-सुबह प्रमोद पुत्र रामविलास धान की रोपाई के लिए तैयार किये खेत में बाटी डालने पहुंच गया। वहीं बाघ को बैठा देखकर वह वहां से भाग आया। उसके बाद मंगल सिंह व विनोद कुमार भी उक्त बाघ का शिकार होते होते बचे। अंततः बाद मे राजकुमार पर हमला कर ही दिया। ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक वर्ष से बाघ लगातार डेरा जमाए हुए है। इस बीच उसने पांच छः भैंसों के अलावा गांव के सभी कुत्तों को निवाला बना लिया है इस समय गांव में एक भी कुत्ता नहीं रह गया है।
वनकर्मी ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे
ग्रामीणों ने बताया कि जब भी बाघ किसी कुत्ते या पशु को निवाला बनाता है तब वनकर्मियों को इसकी सूचना दी जाती है। वन विभाग के कर्मचारी खानापूर्ति करके चले जाते हैं। बाघ को गांव के नजदीक आने से रोकने के कोई उपाय नहीं किए जाते हैं जिससे हमारे जीवन को खतरा बना रहता है। जबकि गांव से जंगल लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर है।

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