(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 05 अक्टूबर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में संचारी रोगों की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। संचारी रोगों की रोकथाम के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। वहीं संपूर्ण जनपद में ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों की जांच करी जा रही है और उन्हें दवाइयां भी वितरित की जा रही है। डेंगू मलेरिया जेई, एईएस, लेप्टोस्पाइरोसिस, चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान सहित मलेरिया विभाग द्वारा एंटी लारवा का छिड़काव, फॉगिंग व अन्य निरोधात्मक गतिविधियां भी की जा रही है।

सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि संचारी रोगों की रोकथाम और जन जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा। इस अभियान से 10 विभागों को जोड़ा गया है, जिनके साथ मिलकर नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी लार्वा स्प्रे, फॉगिंग, झाड़ियां की कटाई, नालियों की सफाई एवं चूहों के नियंत्रण हेतु कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा। इस अभियान को जनपद में वृहद रूप से स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में संचालित किया जा रहा। जिसकी नियमित मॉनिटरिंग ब्लॉक स्तर सहित जिला स्तर से भी की जा रही है। जनपद में जनवरी 2023 से वर्तमान समय तक मलेरिया के 257 केस, डेंगू के 58, जेई के 2, एईएस के 23, स्क्रबटाइफस के 13, लेप्टोस्पायरोसिस के 30 व चिकनगुनिया के 5 केस पाए गए हैं। जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा संपूर्ण इलाज किया गया है और यह सभी अब स्वस्थ हैं। वहीं मलेरिया के 257 केसों के सापेक्ष जनपद में 125952 जांच की गई है और इसकी रोकथाम हेतु भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। मलेरिया टीम गांव-गांव तक पहुंच कर स्लाइड बनाकर मलेरिया की जांच कर रही है। जिससे प्रारंभिक स्तर पर ही ऐसे मरीजों को चिन्हित किया जा सके और इलाज व रोकथाम की जा सके। वहीं डेंगू के 58 मरीज के सापेक्ष अगस्त और सितंबर माह में 2233 जांच हुई हैं और टाइफाइड की 10385 जांचें,जेई की 182 जांचें, स्क्रबटाइफस की 188,लेप्टोस्पायरोसिस की 188 व चिकनगुनिया की 188 जांच हुई हैं। साथ ही प्रतिदिन बड़े स्तर पर सीएचसी व जिला चिकित्सालय में जांचें की जा रही हैं।

मलेरिया विभाग घर-घर जाकर कर रहा निरीक्षण, मलेरिया व डेंगू के प्रति लोगों को कर रहा जागरूक
सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार मलेरिया विभाग जिला मलेरिया अधिकारी हरिशंकर के नेतृत्व में सुबह 6 बजे से 10 बजे तक विशेष अभियान चला रहा है। जिसमें मलेरिया विभाग की टीम नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका परिषद से समन्वय स्थापित कर घर-घर का भ्रमण वार्ड वाइज करता है और सोर्स रेडिक्सन (घरों में डेंगू व मलेरिया के मच्छरों के पनपने के स्थान को ढूंढना, जिसमें फ्रिज, कूलर व छत पर पड़े खाली बर्तन टायर आदि शामिल हैं के साथ एंटोंमोलॉजिकल सर्विलेंस सहित जन जागरूकता हेतु पंपलेट बांट कर जागरूक कर रहा है।

एनएस वन से नहीं एलाइजा से होती है डेंगू की पुष्टि
डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट किया जाना जरूरी है। रैपिड डायग्नोस्टिक्स टेस्ट पॉजिटिव (एनएस वन) आने पर डेंगू कंफर्म नहीं होता है। परंतु जनपद में प्राइवेट डायग्नोसिस सेंटर द्वारा आरडीटी में पॉजीटिव आने पर मरीज को डेंगू की पुष्टि कर दी जाती है, जबकि ऐसा नहीं है। डेंगू को कंफर्म करने के लिए एलाइजा टेस्टजरूरी है और इसकी सुविधा जिला पुरुष चिकित्सालय में उपलब्ध है।

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