समाचार पत्रों में प्रकाशित लेखों का सुरक्षित रख-रखाव काफी कठिन प्रतीत होता है। इस कड़ी में मेरे कुछ लेख नहीं मिल सके। अतः लेखों को सुरक्षित रखकर सभी तक पहुँचाने में इनका संकलन कर प्रकाशित करना ही आवश्यक समझा है। इस हेतु ‘वातायन’ नामक पुस्तक  में इन्हें संकलित करने का प्रयास किया है। समाचार पत्रों में भेजे गए कुछ लेखों में समाचार-पत्र में सीमित स्थान के अनुसार लेखों का कुछ अंश नहीं प्रकाशित हो सका है। पर हमने उन्हें पूर्ण रूप में प्रकाशित किया है।हमारा प्रयास रहा है कि कहीं पर किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि न हो, पर, यदि कहीं पर किसी प्रकार की कोई त्रुटि हो गई है, उसके लिए मैं क्षमायाचना कर रहा हूँ। आशा है आप मेरे इस प्रयास में सहयोग व आशीर्वाद प्रदान करेंगें।

    ओमप्रकाश ‘सुमन’ पलिया कलां- (खीरी )

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