(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलिया कलां  (खीरी) मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए पलिया- भीरा क्षेत्र के लोगों के लिए शारदा नदी को ही सबसे उत्तम जगह मानी जाती है ।और वहीं पर शारदा नदी के तट पर ही अंतिम संस्कार किया जाता है  । वहां पर जो अंतिम संस्कार करने जाता है उनकी टिकटी बांस   व अन्य  फेंकने वाला  सामान वहां पर  ही छोड़कर फ़ेंक करके चला जाता है।  दूसरे शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को इस गंदगी से ही गुजरना पड़ता है ।इस मामले को बलदेव वैदिक इंटर कॉलेज के प्रबंधक /एडवोकेट राजेश भारतीय जब भारतीय  अपने पिता स्वर्गीय बद्री विशाल गुप्त का वहीं शारदा नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया तो यह व्यवस्था देखी।अंतिम संस्कार करने के दूसरे दिन ही उन्होंने वहां पर सफाई कराने का बीड़ा उठाया । इसके लिए चार-पांच कर्मचारियों को लगाया और इतना ही नहीं स्वयं भी उन्होंने झाड़ू लेकर के वहां की सफाई भी की कुछ कूड़ा बेकार था वह जलवा दिया और कुछ वहां से ट्राली ट्रैक्टर में कूड़ा कबाड़ भरकर के दूसरी जगह जाकर के जलवा दिया ।अब वहां की सारी व्यवस्था एकदम साफ सुथरी हो गई है ।ताकि किसी को  भी इस गंदगी से गुजरना न पड़े परंतु अभी तक किसी ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। उन्होंने शारदा नदी के पुल के पूर्व की ओर दक्षिणी  तट पर लगभग 200 मीटर तक शारदा नदी घाट की सफाई करवाई अब बिल्कुल स्वच्छ  साफ सही हो गया है।  इस सफाई के लिए उन्हें स्वयं परिश्रम व काफ़ी धन राशि भी   खर्च करनी पड़ी।यद्यपि यह क्षेत्र भीरा क्षेत्र में आता है और वहां पर ग्राम सभा दौलतापुर का ग्राम प्रधान पप्पू है  का यह क्षेत्र उसी में आता यह जिम्मेदारी उसकी बनती है उसके क्षेत्र का मामला है उसे वहां सफाई करानी चाहिए ।राजेश भारतीय ने उप जिला अधिकारी पलियाकलां- को भी इस मामले से अवगत कराया उन्होंने ग्राम प्रधान पप्पू को कहा कि कम से कम सप्ताह में एक बार उस स्थान की सफाई करवानी चाहिए ।अब देखना है कि ग्राम प्रधान वहां सफाई करवाता है या नहीं ।  या वहां पहले  जैसे ही गंदगी पड़ी रहेगी। वर्तमान समय में राजेश भारतीय ने  सफाई कर्मचारी बुलाकर ट्राली ट्रैक्टर  से  कूड़ा उठाकर सब सफाई करवा दी कूड़ा उठा दिया कुछ को  जलवा दिया और वह शारदा नदी का तट साफ हो गया है।

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