(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां-खीरी लखीमपुर 23 नवंबर। जिले में 15 किसानों द्वारा रोक के बावजूद गन्ने की पत्तियां जलाने पर विभाग की ओर से उनका गन्ना सट्टा कैंसिल कर दिए हैं। अब यह किसान संबंधित चीनी मिल में अपना गन्ना नहीं बेच सकेंगे। विभाग की ओर से फसल अवशेष जलाने पर सट्टा बंद करने की चेतावनी पहले ही जारी कर दी गई थी।

डीसीओ वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि शासन से लेकर प्रशासन तक प्रदूषण की रोकथाम के लिए गंभीर है। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है और जहां भी फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आ रहे हैं, उन किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। जिले के 15 किसानों ने गन्ने की पत्ती जलाई हैं। इन पर जुर्माना लगाया गया है। अब इन किसानों का विभाग ने गन्ने का सट्टा निरस्त कर दिया है।
उन्होंने बताया कि यदि आगे भी किसी किसान ने गन्ने की पत्तियां आदि जलाईं तो कार्रवाई की जाएगी। विभाग की ओर से गन्ना किसानों को पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी कि यदि वह फसल अवशेष जलाते हैं तो उनकउ सट्टा निरस्त कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के दृष्टिगत शासन अतिगंभीर है। चीनी मिलों के माध्यम से गन्ना किसानों को पराली ना जलाने के लिए मैसेज भी भेजा जा रहा है। वहीं चीनी मिल यार्ड में इस आशय का अनाउंसमेंट भी कराया जा रहा है। फिर भी गन्ना किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस पर अब तक गन्ना विभाग द्वारा 15 किसानों के सट्टे को निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा संबंधित तहसील प्रशासन ने संबंधित काश्तकार के विरुद्ध जुर्माना लगाते हुए 107/116 की भी कार्यवाही की है।

खेत में पराली, गन्ने की पत्ती, फिर कोई फसल अवशेष जलाया तो होंगे दंडित : डीएम
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि खेत में किसानों ने पराली, गन्ने की पत्ती या फिर कोई फसल अवशेष जलाया तो कड़ी कार्यवाही होगी। जांच में पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा और कार्यवाही होगी। कृषि विभाग के अफसरों ने अब किसानों पर सख्ती शुरू कर दी है। देश व प्रदेश में फैले प्रदूषण को लेकर सरकार गंभीर है। एनजीटी आदेश पर उसके द्वारा पराली जलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। सेटेलाइट के जरिए किसानों को चिह्नित कर कार्रवाई हो रही है।

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