(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- खीरी दिनाँक 7 नवंबर को पलिया ब्लॉक सभागार में बफर जोन के चयनित बाघ मित्रों का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम डब्लू डब्लू एफ के सौजन्य से किया गया । इस कार्यक्रम में पलिया, सम्पूर्णानगर , भीरा, मैलानी और पथ वृक्षारोपण रेंज के बाघ मित्रों और क्षेत्रीय वनाधिकारी गणों ने प्रतिभाग किया । रिसोर्स पर्सन के रूप में डब्लू डब्लू एफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन और पीलीभीत के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार व डब्लू डब्लू एफ की पूर्व रिसर्च फेलो रेखा वारियर ने प्रतिभागी बाघ मित्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
सर्व प्रथम क्षेत्रीय वनाधिकारी पलिया ने बाघ मित्रों और रिसोर्स पर्सन का स्वागत किया और बताया कि प्रभागीय वनाधिकारी/ उप निदेशक, बफर जोन के निर्देश पर सभी रेंजों से मानव वन्यजीव संघर्ष की दशा में ऐच्छिक रूप से सहयोग करने के उद्देश्य से अवैतनिक बाघ मित्रों का चयन किया गया है जिनके लिए बेसिक ट्रेनिंग का आयोजन डब्लू डब्लू एफ इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है ।
प्रशिक्षण के पहले सत्र में डब्लू डब्लू एफ के वरिष्ठ परियोजना आधिकारी दबीर हसन ने प्रतिभागियों को दुधवा राष्ट्रीय उद्यान और तराई आर्क लैंडस्केप के बारे में जानकारी देते हुए बताया की बाघ मित्र का प्रोग्राम पीलीभीत दक्षिण खीरी और कतर्नियाघाट में सफलतापूर्वक लागू करने के बाद इसका विस्तार बफर जोन में किया जा रहा है क्योंकि बफर जोन में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं उन्होंने लोगों को मानव वन्यजीव संघर्ष की परिभाषा, प्रकार और परिस्थितियों पर व्याख्यान दिया इसके साथ मानव वन्यजीव संघर्ष काम करने के उपाय के साथ बाघ मित्रों की भूमिका को भी बताया।
पीलीभीत से आए वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार ने अपने प्रस्तुतिकरण में वन्यजीवो के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष पहचान , पंजों के निशान की पहचान और वन्यजीवों के व्यवहार के बारे में बताया और वन्यजीव के रेस्क्यू के दौरान किन सावधानियों का ध्यान रखा जाए इस पर भी विस्तार से चर्चा किया।
डॉक्टर रेखा वारियर ने अपने शोध के दौरान कृषि क्षेत्र में प्रवास करने वाले बाघों और अन्य वन्यजीवों के बारे में उनके मूवमेंट और अनुभवों को बताया। उन्होंने कहा कि बाघ मित्र प्रोग्राम से बाघ मित्रों द्वारा स्थानीय स्तर पर बाघों के मूवमेंट की सूचना मिलेगी जिससे वन विभाग आवश्यक कार्यवाही कर सकता है तथा बाघ मित्रों के सहयोग द्वारा निगरानी भी की जा सकती है ।
कार्यशाला में पीलीभीत से आए बाघ मित्र हर्षित सरकार और दन्नुलाल तथा मोहम्मदी रेंज से अनिल कुमार बाघ मित्र ने अपने अनुभवों को साझा किया।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय वनाधिकारी भीरा रेंज राजकुमार शर्मा, क्षेत्रीय वनाधिकारी सम्पूर्णानगर रेंज श्री रुद्र प्रताप सिंह, क्षेत्रीय वनाधिकारी पलिया रेंज श्री विनय कुमार, क्षेत्रीय वनाधिकारी पथ वृक्षारोपण रेंज शैलेश यादव , वन दरोगा कृष्ण कुमार पाल मझगई रेंज, वन रक्षक रमाकांत मिश्र पलिया रेंज समेत सभी रेंजों के बाघ मित्र उपस्थित रहे।