(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 28 अक्टूबर। शनिवार को गत वर्षो की भांति खीरी में महर्षि वाल्मीकि जयंती हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाई गई। मंदिरों में दीप प्रज्वलन, दीपदान के साथ-साथ वाल्मीकि रामायण का पाठ हुआ।
इस अवसर पर जिले की सभी तहसील, विकासखंड एवं नगरीय निकाय स्तर पर विभिन्न मंदिरों में भजन कीर्तन एवं रामायण पाठ भी भजन मंडलियों ने किया गया। वाल्मीकी जंयती पर श्री वाल्मीकी मंदिर, गुटैय्या बाग, लखीमपुर में पूजा-प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ, जिसमें सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने महार्षि वाल्मीकी जी की प्रतिमा का माल्यार्पण किया तथा रामायण पाठ का आयोजन हुआ। जिसमें मंदिर प्रशासन के सहयोग से भजन-कीर्तन मण्डली द्वारा भजन-कीर्तन किया तथा श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया। साथ ही महर्षि वाल्मीकी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धालुओं को महर्षि वाल्मीकी जी के पद चिन्हों पर चलने हेतु प्रेरित किया गया। साथ ही जनपद के विभिन्न वाल्मीकी मंदिरों में प्रतिमा का माल्यापर्ण, भजन-कीर्तन तथा प्रसाद वितरण किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि वैदिक काल में महान ऋषियों में आते हैं। महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि के नाम से भी जाना जाता है, उनके द्वारा रचित विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य सामाजिक मूल्यों, मानव मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों की स्थापना का आदर्श है। कहा कि वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्य एवं राष्ट्रीय मूल्यों से जन सामान्य को जोड़ना है। इस मौके पर नगरीय निकाय के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
जिलेभर में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों में दीप प्रज्वलन, दीपदान के साथ-साथ भजन मंडलियों द्वारा वाल्मीकि रामायण का पाठ भी हुआ। स्थानीय कलाकारों, भजन मंडलियों द्वारा वाल्मीकि रामायण का पाठ किया।