(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी) दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी के पर्यटन रेंज परिसर में मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर खीरी की उपस्थिति में आज प्रारंभ हुई घास के प्रबंधन विषयक कार्यशाला।इस कार्यशाला का प्रयोजन दुधवा के शाकाहारी वन्य जीवों को और बेहतर घास सुलभ कराए जाने हेतु घास के मैदानों को प्रबंधित किया जाना है। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ के रुप में उपस्थित रहे डॉ० आर०के० पाण्डेय, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक,एसएफआरआई जबलपुर, डॉ० रविकांत मिश्रा सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मध्यप्रदेश, डॉ एच०राजामोहन, मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी, डॉ० रंगाराजू टी० वन संरक्षक / उप निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी एवं डॉ० मुदित गुप्ता, समन्वयक, विश्व प्रकृति निधि भारत द्वारा दुधवा के समस्त वन्य जीवों हेतु वन्य जीवों के प्राकृतिक वास को बिना प्रभावित किए ही खाद्य घासें तैयार किए जाने के उपायों पर विचार-विमर्श करते हुए आवश्यक सुझाव दिए गए।इस कार्यशाला में दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी के वन्य जीव प्रतिपालक, किशनपुर, दुधवा, उप प्रभागीय वनाधिकरी, बेलरायां, समस्त क्षेत्रीय वन अधिकारियों के साथ-साथ दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन, एवं कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग, बहराइच के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।यह जानकारी डॉक्टर रंगा राजू टी उप निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व पलिया खीरी ने दी ।

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