(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)शिक्षक दिवस के मौक़े पर संपूर्णानगर के पब्लिक इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं इंदिरा शिक्षा निकेतन की शिक्षिका का समाजसेवी एवं आइकन ऑफ़ एशिया से सम्मानित डा आई ए ख़ान ने अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मानित किया तथा डा ख़ान ने बताया कि गुरु ही समाज का दर्पण हैं गुरु के सही मार्गदर्शन से देश की दिशा और दशा दोनों ही बदल सकते हैं गुरुओं का सम्मान हर हाल में किया जाना चाहिए मैं अपने सभी गुरुओं का बहुत ही आभारी हूँ जिनकी शिक्षा की बदौलत ही मैं आज इस मुक़ाम पर खड़ा हूँ।
गुरु की महिमा का वर्णन इस दोहे से अच्छा हो ही नहीं सकता है
गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूँ पाँव ।
बलिहारी गुरु आपणों गोविंद दियो बताय ।।
डा ख़ान का मानना है कि जैसे माता कुमाता नहीं हो सकती वैसे ही अच्छा शिक्षक कुशिक्षक नहीं हो सकता है कुछ लोगो ने शिक्षा को पेशा बना दिया जबकि पेशा नहीं पैशन बनना चाहिए तब हम अपने देश को और तरक़्क़ी पर ले जा सकते हैं।
इस मौक़े पर डा ख़ान के पर्यावरण प्रेमी पुत्र दानियाल ख़ान, केन्द्रीय विद्यालय, गदनिया कक्षा सात के छात्र ने स्व रचित टीचर्स ओ मेरे टीचर्स शीर्षक नामक कविता सुनाई
सेवानिवृत्त शिक्षक वीरेंद्र सिंह वर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद त्रिवेदी, प्रेमचंद गुप्ता, मैनेजर मिश्रा, पूर्व प्रधानाचार्या विमला मेहरा को सम्मानित किया गया
पूर्व प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद त्रिवेदी और सभी शिक्षकों ने डा ख़ान परिवार के द्वारा पूर्व एवं वर्तमान में किए गए सामाजिक कार्यों की प्रसंशा की तथा प्रगति की प्रार्थना भी की।