(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी)लखीमपुर 01 अगस्त। जिले में आपदा से क्षतिग्रस्त विभागीय सार्वजनिक परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ नॉर्म्स अन्तर्गत डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों संग बैठक की और प्रस्ताव मांगे है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बाढ़ के कारण सार्वजनिक परिसंपत्तियां जैसे सड़क, पुल, नहर, बांध, सरकारी स्कूल, सामुदायिक भवन, पंचायतघर, आंगनबाड़ी केंद्र को क्षति होने पर मरम्मत के लिए स्वयं परीक्षण प्रस्ताव तैयार करे और एसडीआरएफ-एनडीआरएफ नियमों का अनुपालन करते हुए प्रस्ताव भेजें। सभी अधिकारी प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व एसडीआरएफ-एनडीआरएफ नियमों की पुस्तिका का भलीभांति अध्ययन अवश्य करले।

डीएम ने कहा कि व्यापक जनहित को सर्वोपरि रख आपदा से अधिक प्रभावित क्षेत्रों की परिसंपत्तियों की मरम्मत के काम को प्राथमिकता दी जाएगी। आपदा से हुई क्षति व मरम्मत कार्यों की सही तस्वीर और औचित्य को साबित करने के लिए क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का विस्तृत डाटा रखे जाने पर भी जोर दिया। विभिन्न विभागों की ओर से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के प्रस्ताव अनिवार्य रूप से 05 अगस्त तक न केवल भेजे जाएं बल्कि आयोजित बैठक में प्रस्ताव लेकर संबंधी विभाग के अफसर स्वयं प्रतिभाग करें।

सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि आपदा से प्रभावित परिसंपत्तियों की मरम्मत के प्रस्तावों में तय मानकों का पूरा ध्यान रखा जाय और जिन कार्यों के लिए अन्य मदों से धनराशि की व्यवस्था उपलब्ध हो उन्हें एसडीआरएफ मद में प्रस्तावित न किए जाय। एडीएम संजय कुमार सिंह ने कहा कि विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि एक ही प्रकार के काम अलग-अलग विभागों द्वारा प्रस्तावित करने के बजाय विभागों की विशेषज्ञता व उत्तरादायित्व के हिसाब से ही प्रस्तावित किए जाये।

बैठक में डीएफओ संजय बिसवाल, सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता, ईई बाढ़ खंड अजय कुमार, ईई शारदा खंड शोभित, डीपीआरओ, बीएसए, डीपीओ भारत प्रसाद, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अनिल कुमार यादव, तरुदेंद्र त्रिपाठी, शुभ नारायण, एसीआरए देवीय आपदा रामनरेश, आपदा विशेषज्ञ दीपक मिश्र सहित विभिन्न विभागों के जिम्मेदार अधिकारीगण मौजूद रहे।

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