(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी) गोला गोकर्णनाथ में बजाज हिन्दुस्थान शुगर मिल गोला क्षेत्र के ग्राम रोशन नगर एवं परेली में बृहद गोष्ठी आयोजित की गई।इस क्रम में गांव परेली के प्रगतिशील कृषक / ग्राम प्रधान बाल गोविन्द वर्मा के फार्म हाउस पर कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर के उप निदेशक/वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ पी के कपिल,वरिष्ठ वैज्ञानिक आर डी तिवारी व ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक आशुतोष मधुकर एवं मिल परिक्षेत्र के लगभग 200 किसानों ने भाग लिया सहायक महाप्रबंधक गन्ना ओ डी शर्मा ने गोष्ठी में आए सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन किया तथा गन्ना सर्वेक्षण कार्य समाप्त होने के पश्चात चल रहे गन्ना सर्वेक्षण सूची/सट्टा प्रदर्शन में सभी कृषको को अपने अपने सट्टे से सम्बंधित सभी समस्याओं को अपने सुपरवाइजर से मिलकर निदान कराने की सलाह दी, जिससे पेराई सत्र में सप्लाई सम्बन्धी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि चीनी मिल द्वारा सब्सिडी पर एग्री इनपुट उपलब्ध कराया जा रहा है जिसे प्राप्त कर लग रही कीट बीमारियों से बचाव हेतु खेतों में समय से प्रयोग कराये एवं वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझावों को अपनी फसलो में प्रयोग करके अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त करें,डॉ पी के कपिल ने फसल सुरक्षा प्रबंधन पर चर्चा करते हुए टॉप बोरर,रेड रॉट, पोक्का बोइंग की पहचान व बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शाहजहांपुर से आए वरिष्ठ गन्ना वैज्ञानिक डॉ आर डी तिवारी ने वर्तमान में गन्ने की फसल में लगने वाले कीट बीमारियों से किसानों को सजग रहने को कहा साथ ही उन्नतिशील प्रजातियों जैसे को०-0118,को०-15023,कोलख०-14201,कोशा०-13235,कोशा०-17231 के बारे में विस्तार से बताया और सन्तुलित/जैविक खादों के बारे में विस्तार से बताया ,ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक आशुतोष मधुकर ने सर्वे/सट्टा व समिति द्वारा चलायी जा रही गन्ना विकास सम्बन्धी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मंच संचालन कर रहे प्रबंधक गन्ना सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने जलभराव से गन्ने की फसल को हो रहे नुकसान से बचाने और पुनर्जीवित करने के लिए प्रति हेक्टेयर 30 किग्रा० पोटाश,25 किग्रा० सल्फर एवं 50 किग्रा० यूरिया प्रयोग करने व खेतों से पानी निकालने के बाद 10 किग्रा० पाउडर(नीमोडर्मा/संजीवनी) या 5 लीटर तरल(बायोक्योर) प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिनों के अन्तराल पर ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करने की सलाह दी, अन्त में कृषक गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रगतिशील कृषक व ग्राम प्रधान बालगोविन्द वर्मा ने गोष्ठी में आये सभी आगंतुकों का आभार व आशीर्वचनों के साथ गोष्ठी का समापन किया,गोष्ठी में महादेव वर्मा,परमेश्वरदीन वर्मा,डॉ बाबूराम वर्मा,राजेश वर्मा,प्रेमचंद वर्मा,राजकुमार पाण्डे,धीरेन्द्र वर्मा आदि सैकडों कृषक व वरिष्ठ अधिकारी गन्ना इन्द्रपाल यादव,मोटिवेटर रहीशपाल,माधवराम, राहुल वर्मा,नरेन्द्र कुमार,अंकुल वर्मा सहित समिति व मिल के तमाम गन्ना विकास कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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