(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- खीरी मितौली में। कन्या भोज तथा विशाल भंडारे साथ पिपरझला भद्रकाली मंदिर पर होने वाली सप्तदिवसीय शतचंडी महायज्ञ का हुआ समापन। वृंदावन से आए बालगोपाल रासलीला मंडल द्वारा दिखाई गई मनमोहक झांकियां किया गया मंचन।
पिपरझला में भद्रकाली मंदिर स्थान पर तीन जून को विशाल कलश यात्रा के साथ शुरुवात हुई शतचंडी महायज्ञ के समापन कार्यक्रम के अवसर पर कन्या भोज भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे सैकड़ों श्रद्धालुओं। ने प्रसाद ग्रहण किया।
रासलीला मंडल द्वारा। सीता स्वयंवर का मंचन किया गया जिसमें राम लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ राजा जनक के यहां पहुंचते हैं जहां पर बड़े-बड़े राजा महाराजाओं का जमावड़ा लगा था लेकिन स्वयंवर के लिए रखी गई धनुष को कोई उठा तक नहीं पाया जिस बात को लेकर राजा जनक बहुत व्याकुल होने लगे उनकी व्याकुलता को देखकर मुनि विश्वामित्र ने अपने शिष्य राम को आदेश दिया और कहा कि धनुष तोड़कर राजा जनक के द्वारा रखा गया वचन पूरा करें व सीता का स्वयंवर रचाएं विश्वामित्र की आज्ञा पाकर राम ने जिस धनुष को बड़े बड़े राजा हिला तक न से उसे राम ने गुरु की आज्ञा मिलते ही पल भर में ही तोड़ दिया। तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सीता स्वयंवर संपन्न हुआ। मेला कमेटी अध्यक्ष संगम सिंह ने बताया गांव के हित में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा। मौके पर नैमिष धाम से आचार्य योगी शुक्ल जी महाराज, यज्ञाचार्य रजनीश अवस्थी ने कार्यक्रम संपन्न कराया। मेला की कमेटी में संगम सिंह, रिशु सिंह, रक्षपाल सिंह, विपिन अवस्थी, रजनीश अवस्थी, वीरू अवस्थी राधारमण मिश्र शिव शंकर मिश्र, श्यामल सिंह सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।