(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी) नियमित स्नान: किसान बंधुओं को गर्मियों में पशुओं को दिन में दो बार (सुबह और शाम) नहलाना चाहिए।
पानी की उपलब्धता: पशुओं को दिन में 3 से 4 बार ताजा और साफ पानी पिलाना चाहिए।
आरामदेह आवास: पशुओं के लिए स्वच्छ और आरामदेह आवास का प्रबंध करें। इसमें पशुओं को सूरज की किरणों और गर्म हवाओं से बचाने के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए।
आहार: पशुओं को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15-20 किलो हरा चारा खिलाना चाहिए। हरे चारे की फसल को जब आधी फसल में फूल आ जाए, तब काटकर खिलाना उपयुक्त रहता है। चारे को काटकर खिलाने से चारे की बर्बादी कम होती है और चारा सुपाच्य हो जाता है।
आरामदायक जगह: पशुओं के लिए आरामदायक जगह का प्रबंध करें, जिसमें वे आराम से घूम सकें और छायादार वृक्षों के नीचे बैठ सकें।
हमें आशा ही नही पूरा विश्वास है कि यदि आपलोग अपने दुधारू पशुओ की इस तरह से देखभाल करेंगे तो आपका पशु स्वस्थ्य तो रहेगा भी उसका उत्पादन भी अच्छा होगा।
अधिक जानकारी के लिए वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष या वैज्ञानिक पशुपालन से संपर्क करे।
यह जानकारी डॉक्टर नागेंद्र कुमार त्रिपाठी के वी के ,लखीमपुर खीरी ने दी।