(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी) आज 22 अप्रैल 2024 को कम्युनिस्ट पार्टी माले का 56 वां स्थापना दिवस राय बुक डिपो में मनाया गया जिसमें केन्द्रीय कमेटी का संकल्प पत्र राज्य कमेटी सदस्य आरती राय ने पढ़ा जो निम्नलिखित है-भाकपा(माले) का 56वां स्थापना दिवस हम बेहद महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों के बीच मना रहे हैं. इस अवसर पर अपने सदस्यों, शुभचिन्तकों और भारत की संघर्षशील जनता के प्रति हम हार्दिक शुभकामनायें व्यक्त करते हैं. इस अवसर पर हम भारत के सभी मतदाताओं से यह भी अपील करते हैं कि वे वोट देने के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग संवैधानिक बुनियाद और हमारे गणतंत्र के संसदीय व संघीय ढांचे को बढ़ते फासीवादी हमले से बचाने के लिए करें।

22 अप्रैल दुनियां की पहली समाजवादी क्रांति और पहले समाजवादी राज्य के महान शिल्पी कामरेड लेनिन का भी जन्मदिन है. हम कामरेड लेनिन को अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि देते हैं और एक शोषणमुक्त, युद्धविहीन दुनियां जिसमें मानवता सच्चे मायनों में आजाद हो, को बनाने के महान कम्युनिस्ट मिशन के प्रति स्वयं को पुर्नसमर्पित करते हैं।

अपने जन्म से ही भाकपा(माले) ने जनता के एक सच्चे लोकतंत्र में भारत का रूपांतरण और एक समतामूलक सामाजिक विन्यास की स्थापना करने के लिए निरंतर संघर्ष किया है। मोदी सरकार का तीसरी बार फिर सत्ता में आना इस क्रांतिकारी उद्देश्य की राह में विनाशकारी बाधा साबित होगा. अम्बेडकर के ही शब्दों में कहें तो यह महान विपत्ति होगी।. हमें 2024 के चुनाव को फासीवादी ताकतों को निर्णायक चोट देने और तानाशाह मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के ऐतिहासिक जनान्दोलन में तब्दील कर देना होगा।

हम इण्डिया ब्लॉक के घटक के रूप में बिहार में चार और झारखण्ड में एक सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अतिरिक्त हम स्वतंत्र रूप में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आन्ध्रप्रदेश प्रत्येक में एक सीट पर मैदान में हैं। हम आन्ध्रप्रदेश और ओडिशा में कुछ विधानसभा सीटों पर और कामरेड मनोज मन्जिल को अन्यायपूर्ण तरीके से सजा दिये जाने के बाद बिहार में हो रहे उपचुनाव में भी भाग ले रहे है।. हम अपने चुनाव अभियान में पूरी ताकत के साथ जुटे हैं. इसके साथ ही भाजपा/एन.डी.ए. की हार और इण्डिया ब्लॉक की पूरे देश में जीत सुनिश्चित करने के लिए हम देश भर में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

इस पार्टी स्थापना दिवस पर हम पार्टी के संस्थापक महासचिव कामरेड चारु मजूमदार और उनके बाद बने महासचिवों कामरेड जौहर और कामरेड विनोद मिश्रा, जिन्होंने उन्नीस सौ सत्तर दशक की शुरूआत में मिले धक्के के बाद पार्टी को पुर्नगठित किया एवं नेतृत्व दिया, को पूर्ण सम्मान के साथ क्रांतिकारी श्रद्धांजलि देते हैं. हम नागभूषण पटनायक, रामनरेश राम, अनिल बरुआ, महेन्द्र सिंह समेत सभी शहीदों एवं नेतृत्वकारी साथियों को क्रांतिकारी सलाम पेश करते हैं जिन्होंने पार्टी, जनता और क्रांति के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया। हमारा उन साथियों को भी सलाम जो आज राज्य दमन के कारण भारत की विभिन्न जेलों में बंद हैं

।. हम अपने साथियों, सभी राजनैतिक बन्दियों एवं विपक्षी दलों के नेताओं की बिना शर्त तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।

इन्कलाब जिन्दाबाद !
भाकपा(माले) जिन्दाबाद !
लड़ेंगे, जीतेंगे !!

आरती राय ऐपवा जिला अध्यक्ष व राज्य कमेटी सदस्य भाकपा(माले)।

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