(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 22 सितंबर। फसल अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के दृष्टिगत शासन अतिगंभीर है। पराली, फसल अवशेष जलाये जाने की सम्भावना के दृष्टिगत फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने अफसरो को सचेत करते हुए अपेक्षित कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।

प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में शुक्रवार को जिले की सभी तहसील, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर किसानों को फसल अवशेष न जलाने और आसपास के ग्रामीणों व किसानों को इस संदेश व संकल्प को प्रसारित करने हेतु प्रचार प्रसार भी कराया जा रहा।

धौरहरा। तहसील धौरहरा के ग्राम कबिरहा, वाली एवं केशवपुर खुर्द मे शुक्रवार को तहसील प्रशासन के तत्वावधान में फसल अवशेष (पराली) प्रबंधन जागरूकता चौपाल आयोजित हुई। तहसीलदार आदित्य विशाल ने ग्राम वासियों को पराली के समुचित प्रबंधन के लिए जागरूक किया। खेतों में पड़े फसल अवशेष पराली को नहीं जलाने हेतु बताया। उनको पराली जलाने से होने वाले नुकसान से अवगत कराया गया।जागरूकता कार्यक्रम में नायब तहसीलदार, राजस्व परीक्षक एवं लेखपाल, बड़ी संख्या में ग्रामीण वासियों द्वारा प्रतिभाग किया।

मोहम्मदी। शुक्रवार को तहसील मोहम्मदी ग्राम-पिपरिया धनी के सरदारजी पैलेस में उपजिलाधिकारी डॉ. अवनीश कुमार की अध्यक्षता में पराली प्रबंधन पर बैठक की।
इसके अलावा तहसील प्रशासन ने ग्राम दयानतपुर व पड़रिया, हिम्मतपुर, बनकागांव, सहदेवा, अमरा ने भी पराली जलाने के दुष्प्रभाव बताते हुए पराली प्रबंधन के उपाय बताए।

सरदारजी पैलेस में एसडीएम डॉ. अवनीश ने समस्त ग्रामवासियों व किसानों को पराली न जलाने व फसल अवशेष प्रबंधन की विभिन्न तकनीकी विधियों का उपयोग करते हुए फसल अवशेष का निस्तारण कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने व सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में बताया तथा किसानों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर राजस्व निरीक्षक सतीश चंद्र मिश्रा, लेखपाल रोहित राज, राममूर्ति गिरी, दीपक वर्मा, अमरीश राज ,रणधीर सिंह,अनूप वर्मा, निर्भय वर्मा व कृषि विभाग के कर्मचारी व पलविंदर सिंह व ग्राम प्रधान नरेंद्र कुमार, गुरपाल सिंह, कृष्ण कुमार अवस्थी व क्षेत्रीय किसान गुरजीत सिंह, कुलवंत सिंह, मंदीप सिंह ,कृपाल सिंह,आत्माराम उपस्थित रहे।

पलिया। जिले की सुदूरवर्ती तहसील पलिया में पराली/कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाओं को रोके जाने के लिए एसडीएम कार्तिकेय सिंह के नेतृत्व में पूरे तहसील क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। एसडीएम ने थाना सम्पूर्णानगर क्षेत्रान्तर्गत फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम हेतु किसानों को जागरूक किया। तहसीलदार पलिया आरती ने ग्राम मन्ना टाण्डा में पराली / फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु द्वारा बैठक की। नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में ग्राम परसपुर एवं गदनिया में पराली / फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु जागरूकता कार्यक्रम किया गया।

मितौली। मितौली तहसील क्षेत्र में एसडीएम विनीत उपाध्याय के नेतृत्व में किसानों को फसल अवशेष न जलाने और आसपास के ग्रामीणों व किसानों को इस संदेश व संकल्प को प्रसारित करने हेतु प्रचार प्रसार भी कराया जा रहा। एसडीएम विनीत उपाध्याय ने बताया कि एनजीटी व मा. न्यायालय के निर्देश पर उच्चस्तर से पराली जलाने की घटनाओं को सेटेलाइट से मॉनिटरिंग की जा रही है। इसलिए कोई भी किसान फसल अवशेष कदापि ना जलाएं। किसानों का हित सर्वोपरि है। किसान को किसी भी दशा में कोई समस्या नही होगी इसके लिए प्रशासन कटिबद्ध है। किसान भाई पराली न जलाए। इसमें सहयोग करे। किसान भाई फसल अवशेष को प्रधान के जरिए निकटवर्ती गो आश्रय स्थल भिजवाए। पराली की घटनाओं को पूर्णतया अंकुश लगाने के लिए प्रशासन का सहयोग करें।

सभी किसान भाइयों से अपील की कि फसलों की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर एसएमएस तथा अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों का प्रयोग अवश्य करें तथा पराली/फसल अवशेष को खेतों में ना जलाएं, धान से निकलने वाला पुआल बीडीओ/ ग्राम सचिव तथा एडीओ (कृषि) के माध्यम से समीप की गौशाला पर भी दिया जा सकता है। मितौली तहसील में सभी कंबाइन हार्वेस्टर मालिको को निर्देशित किया जा चुका है कि पराली नही जलने देंगे, उसमे प्रशासन का सहयोग करेंगे। सभी गांव में प्रधान, ग्राम सचिव, लेखपाल, कृषि विभाग के अधिकारी गांव गांव में बैठक और मुनादी कर लोगो को जागरूक भी कर रहे है। किसान संगठन पदाधिकारियों से वार्ता की तथा सभी ने पराली न जलाने का आश्वासन भी दिया।

खीरी के ग्रामो पर हुई चौपाल, पराली प्रबंधन पर हुई कार्यशाला
शासन के निर्देश पर शुक्रवार को 15 ब्लॉकों के विभिन्न ग्रामों में आयोजित ग्राम चौपाल में पहुंचे जिला स्तरीय अफसरो ने जहां एक और उनका दुख दर्द जाना, उनकी समस्याओं के निस्तारण कराया। वही मौजूद किसानों एवं ग्राम वासियों को पराली प्रबंधन के उपाय बताते हुए पराली जलाने के दुष्प्रभाव बताएं। इस दौरान मौजूद ग्रामीणों को पराली ना जलाने का संकल्प भी दिलाया गया।

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