(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 17 सितंबर। मोहम्मदी ब्लॉक के संविलियन विद्यालय पलिया ने जिले के परिषदीय विद्यालयों में अपनी एक अनोखी पहचान बनाई। विद्यालय में पठन-पाठन व्यवस्था इतनी बेहतर कि निजी स्कूलों को भी मात दे रही। विद्यालय के नवाचारों के आलोक में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल “best school of the week” के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।

संविलियन विद्यालय पलिया ने गत वर्षों में शैक्षिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में विशेष कार्य से एक मिशाल कायम की। प्रधानाध्यापक मो0 इकरार खां ने कार्यभार लेते ही प्रधान व गांव के सम्मानित लोगों संग विद्यालय को संवारने की कार्ययोजना बनाई। आज स्कूल देखने के बाद कोई यकीन नहीं कर सकता कि यह सरकारी विद्यालय है। हर कमरे में फर्श पर चमचमाती टाइल्स, दीवारों पर शानदार पेंटिंग बनी है। वर्तमान में विद्यालय में 247 बच्चे नामांकित है। प्रधानाध्यापक मो0 इकरार खां सहित 06 सहायक अध्यापक,02 अनुदेशक व 02 शिक्षामित्र कार्यरत है। शिक्षक अपने बच्चों के साथ उनकी वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। निपुण भारत मिशन योजना से बच्चों को निपुण किया जा रहा है।

स्कूल में सुसज्जित पुस्तकालय है, जिसमे बच्चो के ज्ञानवर्धन को विभिन्न पुस्तकें उपलब्ध है। भारतीय स्टेट बैंक ने स्कूल को एक कंप्यूटर सेट भी प्रदान किया। जिसके जरिए छात्र-छात्राएं पाठ्यक्रम से सम्बंधित शैक्षिक गतिविधि व मीना मंच की कहानियों का अवलोकन करते हैं। छात्राओं को शारीरिक- मानसिक रूप से स्वस्थ रखने, अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहने के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण खेल कराया जाता है। हर शुक्रवार को मीना मंच व शनिवार को बालसभा का आयोजन होता है। गतिविधियों की बदौलत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी नाम कटाकर यहां नाम लिखाते हैं। विद्यालय में सुंदर फुलबाड़ी व 100 से अधिक गमले है, जो अभिभावक-आगंतुकों को आकर्षित करते है। विद्यालय को जिलास्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2017 भी प्राप्त हो चुका।

इस स्कूल में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई होती है। स्कूल भवन में बच्चों को बेहतर और बुनियादी ज्ञान देने के लिए अच्छे-अच्छे सुविचारों के साथ-साथ वर्णमाला अंकित है। जिससे चित्रों के साथ बच्चों को आसानी से समझ आए। साथ ही, इनसे बच्चों को हर दिन स्कूल आने के लिए भी प्रेरणा मिले। दीवारें खूबसूरत और रंगीन हैं। बच्चों के लिए अच्छे-अच्छे संदेश और दीवारों पर एबीसीडी से लेकर विभिन्न तरह की पढ़ाई सामग्री बनवाई गई है। शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके भी एकदम अलग हैं। कैंपस को हरा-भरा रखने के लिए बागवानी पर भी जोर दिया जा रहा है।

प्रतियोगिताओं में नौनिहालों ने दिखाई प्रतिभा, अर्जित किए पुरस्कार
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान में बच्चो ने ब्लाक की विज्ञान प्रतियोगिता में सफल प्रदर्शन करके ब्लॉक व जिला पर स्थान प्राप्त किया, परिणामस्वरूप विद्यालय के 10 बच्चो को राज्यस्तरीय शैक्षिक भ्रमण आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ जाने का अवसर मिला। छात्र छात्राएं विभाग से इतर युवा कल्याण विभाग व नेहरू युवा केन्द्र की विभिन्न प्रतियोगिताओं में जिला और मण्डल स्तर पर विजेता बने। पिछले चार वर्षों से विद्यालय की सांस्कृतिक टीम ब्लॉक व तहसील में होने वाले सरकारी कार्यक्रम, आयोजनों में न केवल अपनी शानदार प्रस्तुति दी बल्कि पुरस्कृत भी अर्जित किए। जनपदीय समूहगान व अंत्याक्षरी में द्वितीय, लोकनृत्य में द्वितीय व योगासन में तृतीय स्थान पाकर विद्यालय को गौरवान्वित किया।

ख्यातिलब्ध बनी स्कूल की आदियोगी टीम
विद्यालय के बच्चे योगाभ्यास में अत्यंत निपुण है, छात्रों की एक विशेष योगा टीम ‘आदियोगी’ के नाम से पूरे जिले में प्रसिद्ध है। छात्र-छात्राओं ने स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा अनुदेशक शचीन्द्र नारायण दीक्षित के निर्देशन में ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया और निरंतर अभ्यास की बदौलत ब्लॉक में उपविजेता का खिताब न्यायपंचायत राजापुर वैनी को प्राप्त कराया। जनपदीय बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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