(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- खीरी लखीमपुर  22 फरवरी : गुरुवार शाम डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कलेक्ट्रेट में राजस्व कार्यों एवं कर-करेत्तर के तहत प्राप्तियो की विभागवार, बिंदुवार मासिक समीक्षा बैठक की, संबंधित को जरूरी निर्देश दिए। डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही करते हुए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत राजस्व वसूली सुनिश्चित की जाय।

डीएम ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपने लक्ष्य की कार्ययोजना बनाकर मूर्त रूप देने का निर्देश दिया। जिन विभागों की प्रगति खराब है, लक्ष्य पूरा नहीं किया है, वह उन्हें लिखित रूप में स्पष्ट करें कि वह लक्ष्य को कैसे पूरा कराएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि खराब प्रगति वाले विभाग विशेष अभियान चलाकर अपने लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित कराए।

डीएम ने परिवहन, स्टांप, राज्यकर, वन, विद्युत की लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति बेहतर ना होने पर नाराजगी जताई, कारण जाना। निर्देश दिए कि विशेष अभियान चलाकर लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करें। डीएम ने संबंधित अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं शिथिलता क्षम्य में नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा अपने राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं की जाएगी, उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। वही लक्ष्य के सापेक्ष बेहतर प्रगति पर डीएम ने एआरएम रोडवेज की सराहना करते हुए तालियां बजवाई।

डीएम ने वाणिज्य कर, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन, आबकारी, परिवहन, विद्युत देय, नगर विकास, मंडी, वन, सिंचाई, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक लखीमपुर, गोला, विधिक माप विज्ञान के अफसरों से मासिक लक्ष्य की प्रगति, क्रमिक लक्ष्य की प्रगति गत वर्ष की उपलब्धि के सापेक्ष वृद्धि प्रतिशत की गहन समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए। बैठक में एडीएम संजय कुमार सिंह, डीईओ राजवीर सिंह, एआरटीओ आलोक कुमार, सभी एसडीएम व तहसीलदार सहित सभी संबंधित विभागों के अफसर मौजूद रहे।

लंबित वादों का त्वरित निस्तारण करें: डीएम
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में राजस्व विभाग के गत माह की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों के त्वरित एवं गुणवत्तायुक्त निस्तारण को लेकर निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों का त्वरित निस्तारण किया जाए। एसडीएम अपने अधीनस्थ न्यायालयो की स्वयं रिव्यू करे।

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