(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां-खीरी लखीमपुर 13 नवंबर। जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए किसानों को प्रेरित करके पराली के प्रबंधन कार्यवाही कराने के साथ ही सख्ती भी कर रहा। सोमवार को प्रशासन ने चार किसानों पर 2500-2500 जुर्माना लगाते हुए अगले 15 दिन के लिए गन्ने की पर्ची पर रोक लगा दी।
डीडी कृषि अरविंद मोहन मिश्रा ने बताया कि 12 नवंबर को सेटेलाइट से प्राप्त सूचना के आधार पर जनपद में पराली जलाने की चार घटनाएं पाई गई, स्पॉट विजिट के दौरान घटनाएं गन्ने की पत्ती जलाए जाने की मिली। सोमवार को प्रशासन ने फसल अवशेष जलाने वालों पर सख्ती करते हुए सदर के 02, धौरहरा एवं गोला के एक-एक किसानों पर अर्थदंड लगाया एवम गन्ना विभाग के द्वारा संबंधित व्यक्ति की गन्ने की पर्ची पर 15 दिन की रोक लगा दी है।
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने पराली जलाने वाले किसानों से कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत पराली न जलाएं, पराली जलाने से मानव स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है,इसके लिए संबंधित के विरुद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति का अर्थ दंड लगाया जाएगा।
डीएम ने सभी लेखपालों व प्रधानों को अपने ग्राम पंचायत में फसल अवशेष जलाने वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायत में पराली जलाई जाने पर सम्बंधित लेखपालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। डीएम ने कृषि विभाग के कर्मचारियों को भी क्षेत्रों में भ्रमण कर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान से के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
उपनिदेशक (कृषि) अरविंद मोहन मिश्रा ने बताया कि किसानों की ओर से लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं।फसल अवशेष जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।पराली जलाने वाले लोगो पर अर्थदंड लगाया गया है।
यह है जुर्माने की गाइडलाइन :
02 एकड़ से कम भूमि वाले किसान- 2500 रुपये प्रति घटना।
02 से 05 एकड़ भूमि वाले किसान- 5000 रुपये प्रति घटना।
05 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान- 15000 रुपये प्रति घटना।