(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

 पलियाकलां- खीरी हिंदी दिवस के अवसर पर श्रीपीठ श्रीकुल आश्रम पर आयोजित  हिन्दी गोष्ठी का आरंभ मां सरस्वती का पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के जाने-माने कवि पवन मिश्रा ने सरस्वती वंदना करते हुए पढ़ा ” कवि काव्य कला कृति कानन में, कलि काल कलंक मिटटी चलो तम तोम से तापित त्रिभुवन में तप तेज की ज्योति जगती चलो” ।और उनसे प्रेरणा लेकर के  उपस्थित हिंदी प्रेमियों को संबोधित करते हुये  कवि हिंदी चिंतक वरिष्ठ पत्रकार  ओम प्रकाश ‘सुमन’, ने  कहा “जो भाषाएं रही हों‌ देश की गुलामी का प्रतीक, ऐसी भाषाओं का गुणगान मत कीजिए । लेखनओर वाचन में देश और विदेशों में अपनी हिंदी भाषा का ही नाम ऊंचा कीजिए।।” शिक्षाविद पूर्व प्रवक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार  रामचंद्र शुक्ला ने हिंदी भाषा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा ” दलपति,चंद ,केदार अरू जगनिक ,बाबू हरिश्चंद्र भाल की हिंदी”। स्वायत्त शासन कर्मचारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष  लोकसेवक  विजय मिश्रा ने हिंदी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा –

“स्नेह और समता सी हिंदी ,है मां की ममता सी हिंदी, जीवन का आधार है हिंदी, देश और दुनिया का प्यार है हिंदी ।”,विभिन्न आध्यत्मिक संगठनों के संयुक्त सलाहकार   वरिष्ठ पत्रकार  विश्वकान्त त्रिपाठी ने हिंदी राजभाषा और राष्ट्रभाषा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये । जनपद के विशिष्ट व्यवसायी समाजसेवी  कल्याण अग्रवाल ने हिंदी भाषा के सबन्ध में अपने अपने विचार व्यक्त करते हुये एकमत से हिन्दी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिये जाने की मांग की। इस अवसर पर समाजसेवी राष्ट्रीय चिंतक विकास दीक्षित हिंदी, भाषा के पूर्ण विकास और सम्मान पर चर्चा की, इस अवसर पर मनोज मिश्रा, सोमेश माधव, अभिषेक माधव सहित श्रीकुल परिवार सम्मानित सदस्य गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर श्रीकुलउपासक आचार्य गोविंद माधव  ने हिंदी के महत्व एवं उपयोगिता के संदर्भ में बदलते हुए आयामों पर सभी अतिथियों एवं गणमान्यजनों का आभार व्यक्त किया ।

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