(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 09 अगस्त। बिना वैध उर्वरक प्राधिकार पत्र प्राप्त किये उर्वरकों का विनिर्माण करना उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 का स्पष्ट उल्लंघन के लिए तहसील गोला, ग्राम जलालपुर निवासी पुरूषोत्तम पुत्र राजेश दोषी मिले। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी को दोषी मिले पुरुषोत्तम के विरूद्व आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 को प्रभावी किये जाने की अनुमति दी। अनुमति के बाद विभाग ने संबंधित थाने में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया।
जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि गत 05 अगस्त को डीएम के आदेश पर थोक, फुटकर उर्वरक विक्रेताओं एवं अपेक्स संस्थाओं के उर्वरक प्रतिष्ठानों की जाँच-छापेमारी की। कार्यवाही के दौरान तहसील गोला तहत ग्राम सांसिया कालोनी (कुसुमी कालोनी) स्थित पुरुषोत्तम पुत्र राजेश निवासी ग्राम जलालपुर के प्रतिष्ठान का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान में “फसल ऊर्जा बायो ग्रुप-डीएपी की 154 भरी हुयी खुली बोरी, ढेर के रूप में कच्चा माल : 15-15 कु० 02 जगह ढेर के रूप में, पैंकिग हेतु ग्रीन सुपर सल्फर 90% : 100 खाली पैकेट (05 कि०ग्रा० क्षमता के ), रेड राड गन्ना स्पेशल : 400 खाली पैकेट (250 ग्रा० क्षमता के), ग्लेक्सी पावर : 300 खाली पैकेट (05 कि०ग्रा० क्षमता के ), खाली बोतल सफेद : 400 खाली बोतल (250 ML क्षमता के), बेन्टोनाइट दाना : 06 बोरी भरी हुयी सिली हुयी (30 कि०ग्रा० क्षमता के ), बोरी सिलाई मशीन : 01 अदद चालू हालत में, पैकिंग मशीन : 01 अदद चालू हालत में।” उर्वरक एव सामग्री का भण्डारण मिला।
उन्होंने बताया कि बरामद उर्वरकों, उर्वरक विनिर्माण से सम्बन्धित सामग्री के बारे में उपस्थित पुरूषोत्तम से पूछताछ किये जाने पर कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया एवं विनिर्माण से सम्बन्धित कोई भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए। प्रतिष्ठान में भण्डारित मिली बायो डीएपी का नमूना ग्रहीत किये जाने के बाद बरामद किये गये उपरोक्तानुसार उर्वरक एवं समस्त सामग्री को संदिग्धावस्था के कारण उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत नियमानुसार सीज करते हुये सील कर दिया, जिसकी सुरक्षा सुपुर्दगी पुरुषोत्तम पुत्र राजेश निवासी ग्राम जलालपुर को हस्तगत करा दी। ग्रहीत किये गये नमूने को विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला को प्रेषित कर दिया गया।