(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलिया कलां (खीरी)लखीमपुर खीरी दुधवा नेशनल पार्क की हरियाली, रोमांच से भरे जंगल सफारी अनुभव और दुर्लभ वन्य जीवों की झलक को अब पर्यटक पहले से कहीं अधिक आसान और किफायती तरीके से देख सकेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) ने सैलानियों, परिवार के सदस्यों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक रात, दो दिन के पांच विशेष बजट पैकेज तैयार किए हैं।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि श्यूपीएसटीडीसी की ओर से तैयार टूर पैकेज पर्यटकों को दुधवा नेशनल पार्क के प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता को करीब से अनुभव करने का मौका देगा। यह बजट पैकेज उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म, जंगल सफारी और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देगा। राजधानी लखनऊ के होटल गोमती से 15 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाले इस टूर पैकेज से संबंधित विशेष जानकारी यूपीएसटीडीसी की वेबसाइटू www.upstdc.co.in से प्राप्त होगी।

दुधवा नेशनल पार्क घूमना हुआ आसान

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) द्वारा तैयार श्दुधवा बजट पैकेजश् अधिकतम आठ यात्रियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। टेम्पो ट्रैवलर से सफर की शुरुआत होगी, जिसका प्रति व्यक्ति किराया 6,175 रुपए (05 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) होगा। दो दिनी यात्रा के पहले दिन लखनऊ स्थित होटल गोमती से सुबह 8 बजे टेम्पो ट्रैवलर यात्रियों के साथ दुधवा के लिए रवाना होगा। दोपहर 1ः30 बजे दुधवा पहुंचकर होटल में लंच और रात 8 बजे रात्रि भोजन के बाद पर्यटक आराम करेंगे। दूसरे दिन सुबह 06ः00-10ः00 बजे तक पर्यटक जंगल सफारी का आनंद लेंगे। तत्पश्चात सुबह 11 बजे वापसी के लिए लखनऊ रवाना होंगे। दंपति के साथ पांच वर्ष आयु तक के बच्चे मुफ्त में सफर कर सकते हैं।
लखीमपुर खीरी: स्वादिष्ट भोजन और बोनफायर की सुविधा
स्टैंडर्ड जंगल सफारी पैकेज अंतर्गत चार यात्रियों का दल सेडान कार से होटल गोमती से दुधवा के लिए रवाना होगा। एक रात और दो दिन वाले सफर में प्रति व्यक्ति किराया 6,500 रुपए (05 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) होगा। इस पैकेज में भी पहले दिन पर्यटक दोपहर 12 बजे दुधवा होटल पहुंचेंगे और दिन-रात के भोजन उपरांत आराम करेंगे। अगले दिन सुबह 06 बजे से 10 बजे तक जंगल सफारी का आनंद लेंगे और नाश्ते के बाद लखनऊ के लिए वापस लौट जाएंगे। यूपीएसटीडीसी द्वारा तैयार ‘प्रीमियम वाइल्ड लाइफ एक्सपीरियंस’ पैकेज छह पर्यटकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस पैकेज के लिए प्रति व्यक्ति किराया 6,000 रुपए (05 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) देने होंगे। इनोवा से लखनऊ से रवाना दल दोपहर 12 बजे दुधवा पहुंचेगा। लंच के बाद पर्यटकों का दल गाइड के साथ फॉरेस्ट वॉक करते हुए व्याख्या केंद्र का भ्रमण करेगा। अगले दिन सुबह 06-10 बजे तक जंगल सफारी का आनंद लेने के बाद वापस लखनऊ लौट जाएंगे। लखनऊ से दुधवा तक का यह पैकेज विशेष रूप से स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
टेम्पो ट्रैवलर से सफर के दौरान दो शिक्षक और एक स्टाफ साथ रहेंगे। अन्य पैकेज की तरह दुधवा पहुंचने के बाद विद्यार्थी लंच करेंगे और खेल सहित अन्य गतिविधियों में शामिल होंगे। शाम में चाय और रात के भोजन के उपरांत आराम करेंगे। अगले दिन जंगल सफारी और नाश्ते के बाद वापस लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। इस पैकेज के लिए प्रति व्यक्ति 4,751 रुपए (05 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) भुगतान करना होगा। इस समूह में कम से कम 20 विद्यार्थी होंगे।
स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
यूपीएसटीडीसी द्वारा तैयार ‘दुधवा बजट पैकेज’ में कम से कम चार पर्यटक होंगे, जिसका किराया प्रति व्यक्ति 4,950 रुपए (05 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) तय किया गया है। इस पैकेज में अन्य की ही तरह सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। लखनऊ-दुधवा-लखनऊ का यह किफायती पैकेज पर्यटकों को कम बजट में बेहतर सुविधाओं के साथ मिलेगा। लखनऊ-दुधवा यात्रा पैकेज की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सुविधा है। यात्रा पैकेज में पर्यटकों के ठहरने के लिए जंगल से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर आरामदायक होटल की व्यवस्था की गई है, जिससे प्रकृति का अनुभव और भी नजदीक से लिया जा सकेगा। यात्रा के दौरान स्वादिष्ट भोजन, प्रति यात्री दो पानी की बोतल, चाय की चुस्कियों के साथ अलाव (बोनफायर) का आनंद, अनुभवी गाइड और रोमांच से भरपूर जंगल सफारी भी पैकेज में शामिल है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि श्दुधवा नेशनल पार्क के लिए तैयार किए गए ये विशेष बजट राज्य में इको-टूरिज्म और वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को नई दिशा देंगे। यूपीएसटीडीसी का उद्देश्य है कि पर्यटकों को सुरक्षित और किफायती यात्रा अनुभव उपलब्ध कराया जाए, ताकि परिवार, विद्यार्थी और प्रकृति प्रेमी उत्तर प्रदेश की जैव विविधता को नजदीक से महसूस कर सकें। दुधवा जैसे प्राकृतिक धरोहर स्थलों के माध्यम से स्थानीय रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सतत पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी।
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