(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलिया कलां ( खीरी) लखीमपुर खीरी, 06 नवंबर। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक पर प्रशासनिक बिजली गिरा दी। सीएम युवा उद्यमी योजना में लक्ष्य के सापेक्ष सुस्ती और घोर लापरवाही दिखाना बैंक को बेहद महंगा पड़ गया। डीएम ने कड़े तेवर अपनाते हुए साफ आदेश दिया कि नगर निकायों के सभी खाते तत्काल प्रभाव से अन्य बैंक में स्थानांतरित किए जाएं!
जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत बुनियादी एवं निर्दिष्ट अनुदान की प्रथम और द्वितीय किश्तों में ₹32.63 करोड़, जबकि वर्ष 2023-24 में ₹10.32 करोड़ की राशि नगर निकायों के खातों में जमा है। यानी कुल ₹42 करोड़ से अधिक की धनराशि अब डीएम के निर्देश पर आईसीआईसीआई बैंक से बाहर जाएगी। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को “फौरन कार्रवाई और त्वरित अनुपालन रिपोर्ट” प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
गौरतलब हो कि अभियान के तहत आईसीआईसीआई बैंक को 43 लाभार्थियों को वित्तीय सुविधा देने का लक्ष्य मिला था, लेकिन अब तक एक भी प्रगति नहीं हुई। कई बैठकों में शाखा प्रबंधकों को निर्देशित किया, फिर भी बैंक की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। समीक्षा में जब मामला डीएम के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सीधा एक्शन मोड अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी की। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर डीएम ने अन्य बैंक में खाता स्थानांतरित करने का फरमान जारी किया है। साथ ही, एचडीएफसी बैंक और ऐक्सिस बैंक को भी सीएम युवा उद्यमी योजना के क्रियान्वयन में लक्ष्य के सापेक्ष अपेक्षित शून्य प्रगति न होने पर नोटिस जारी की जा रही है। डीएम ने दोनों बैंकों के कार्यप्रदर्शन पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
डीएम के इस आदेश के बाद बैंकिंग सेक्टर और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।
माना जा रहा है कि यह कदम सिर्फ आईसीआईसीआई बैंक के लिए नहीं, बल्कि सभी बैंकों और विभागों के लिए सख्त चेतावनी है कि काम में सुस्ती दिखाई, तो परिणाम भुगतने को तैयार रहो!
