पलिया कलां (खीरी) गन्ना विकास परिषद पलियाकलां खीरी में फर्जी चेकों के जरिए सरकारी धन के गबन का बड़ा मामला सामने आया है। परिषद के बचत खाते से करीब 15 लाख रुपये से अधिक की रकम धोखाधड़ी से निकाली गई। मामला उजागर होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। जिला गन्नाधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मिथिलेश कुमार पांडेय और वरिष्ठ सहायक प्रभारी लेखाकार प्रेमचंद्र ने अक्टूबर 2025 माह का बैंक समाधान विवरण तैयार किया तो पता चला कि 30 अक्टूबर 2025 को चेक नंबर 627349 से 8 लाख और 31 अक्टूबर 2025 को चेक नंबर 627303 से 7 लाख 58 रुपये बैंक खाते से डेबिट हुए हैं, जबकि ये दोनों चेक अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा गन्ना विकास परिषद में आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर ने फर्जी एडवाइस से निकाले।
जांच में हुआ खुलासा, जिला गन्ना अधिकारी की तहरीर पर की गई रिपोर्ट दर्ज।
आरोपी ने स्वीकारा अपराध, 2,04,000 रुपये लौटाए
जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि जांच के दौरान उन्होंने आरोपी से पूछताछ की तो आरोपी अजय कुमार शर्मा ने अपराध स्वीकार कर लिया। उसने मौके पर 80,000 नकद और 1,24,000 ऑनलाइन कुल 2,04,000 रुपये वापस किए, जबकि 12,96,058 की राशि अभी बाकी है। उन्होंने आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर्स के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। एसओ पलिया, पंकज त्रिपाठी ने बताया कि जिला गन्नाधिकारी की तहरीर पर आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। प्रकरण की जांच एसआई प्रेम नरायाण को सौंपी गई है। जबकि यह दोनों चेक अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के द्वारा जारी नहीं किएगए थे । इसका खुलासा होने पर उन्होंने पूरे मामले की जानकारी जिला गन्नाधिकारी वेद प्रकाश सिंह को दी। जिला गन्नाधिकारी ने जब जांच शुरू की तो सामने आया कि चेक बुक सीरीज में से कुल 6 चेक गायब है, जिनमें से दो चेकों से अवैध रूप से धन निकाला गया।
बैंक रिकॉर्ड के अनुसार ये धनराशि एक्सिस बैंक के खाते में अजय कुमार शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते में भेजी गई। जांच में पाया गया कि उक्त चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर और नकली एडवाइस लेटर का इस्तेमाल किया गया। बैंक प्रबंधक द्वारा दिखाए गए दस्तावेजों में भी हस्ताक्षर नमूना हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते, जिससे बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। मामले में आरोपी अजय कुमार शर्मा निवासी नौगवां थाना पलिया गाजियाबाद में आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था। आरोप है कि उसने मौका पाकर परिषद कार्यालय से चेक चोरी किए और फर्जी एडवाइस बनाकर सरकारी धन अपने खाते में स्थानांतरित कर लिया।