(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलिया कलां (खीरी) नगर में मंगलवार को ही श्री रामलीला मेले में काशी आदर्श रामलीला मंडल रायबरेली के कलाकारों ने सर्वेश्वर दास व्यास के निर्देशन में लक्ष्मण सूपर्णाखा संवाद खर दूषण वध एवं सीता हरण का किया मंचन जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
कलाकारों ने मेले में मंचन किया कि राम लक्ष्मण और माता सीता के साथ पंचवटी में घास फूस की कुटिया बनाकर रहने लगे। एक दिन रावण की बहिन सूपर्णाखा वहां पर पहुंचती है दोनों भाइयों को देखकर ऊपर मुग्ध हो जाती है और प्रणय निवेदन और विवाह का प्रस्ताव उनके समक्ष रखती है। उनके मना करने पर वह क्रोधित हो जाती है तथा श्रीराम और लक्ष्मण से संवाद करने लगती है क्रोधित होकर वह माता सीता की तरफ झपटती है। श्री राम जी का संकेत पाकर लक्ष्मण कटार से उसकी नाक काट देते हैं वह लहूलुहान अपने भाई खर दूषण के पास पहुंचती है और सारा किस्सा बताती है सूर्पनखा अपने दोनों भाइयों खर और दूषण को लेकर पंचवटी आती है । खर और दूषण से भगवान श्री राम का युद्ध होता है जिसमें खर दूषण मारे जाते हैं । लंका जाकर सूपर्णाखा जब इसकी जानकारी रावण को देती है रावण मारीच को पंचवटी से सोने का हिरण बनाकर श्री राम तथा लक्ष्मण को बहुत दूर जंगल में ले जाने के लिए के लिए कहा। सोने का हिरण बनाकर पंचवटी के आसपास मारीच घूमने लगा माता सीता ने सुनहरा हिरण प्रथम बार देखा था वह उसे पर मोहित हो गई और श्री राम से पकड़ने के लिए कहा ।उस सोने के हिरण को पकड़ने के लिए श्री राम वन में दूर चले गए ,फिर लक्ष्मण को भी जाना पड़ा। जब प्रभु श्री राम लक्ष्मण कुटिया से बहुत दूर थे तब रावण साधु का रूप लेकर सीता माता से भिक्षा मांगने आया ।लक्ष्मण ने वन को जाते समय लक्ष्मण रेखा खींच दी थी और कहा था माता सीता इस रेखा से बाहर मत आना ।रावण ने माता सीता से कहा कि वह बंधी भिक्षा नहीं लेता है । माता सीता उसे भिक्षा देने के लिए लक्ष्मण रेखा से बाहर आती है तभी रावण सीता का हरण करके लंका ले जाता है ।