(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलिया कलाँ (खीरी,) नगर को ऐतहासिक श्रीराम लीला में काशी आदर्श राम लीला मण्डल रायबरेली के कलाकारों ने भगवान श्री राम केवट के संवाद एवं भगवान श्री राम लक्ष्मण, माता सीता के वन गगन के पश्चात भगवान श्रीराम के वियोग में प्राण त्यागने का भाव पूर्ण मंचन किया जिसे देखकर पण्डाल में उपस्थित सभी दर्शक भाव विभोर हो हो गये।मंचन में सोमवार को कलाकारों ने श्रीरामलीला मैदान में बने मंच पर भगवान श्री राम ने नदी पार करने के लिए केवट से नाव लाने के लिए कहा लेकिन वह नहीं लाया ” मांगी नाव न केवटु आना, कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना ” केवट ने प्रभु श्रीराम से कहा मैं तुम्हारे मरम को मै जानता हूं । कि जब आपके चरणों के रज से शिला सुंदर नारी रूप में बदल गयी तो हमारी नाव की क्या बिसात है हमारी नाव तो काठ से बनी है। तब राम मुस्काराये और चरण पखारने की अनुमति दी। कठौते में केवट‌ ने चरणों को धोया फिर नदी पार कराई। माता सीता उतराई के रूप में मुद्रिका देनी चाही तो उसने कहा है प्रभु जब मैं आप के धाम आऊं तो आप भी इसी तरह भवसागर पार करा देना । दूसरे दृश्य में जब सुमंत प्रभु श्री राम को अयोध्या के बाहर छोड़कर वापस आये तो सुमंत ने कहा प्रभुने आप को और सभी माताओं को प्रणाम कहा है। महाराजा दशरथ बहुत बिकल हुए विलाप करते करते है! राम है! राम वापस आओ ऐसा कहते हुए अपने प्राण त्याग दिये। इस सजीव एवं भाव पूर्ण मंचन को देखकर सभी श्रोता एवं दर्शक भाव विभोर हो गए।

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