(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलिया कलां खीरी दिनांक 30.08.2025 को 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, पलिया में सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस सम्मेलन की अध्यक्षता वाहिनी कमांडेंट रबीन्द्र कुमार राजेश्वरी द्वारा की गई । सम्मेलन में वाहिनी के सभी अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारी एवं जवान बड़ी संख्या में उपस्थित रहे । सैनिक सम्मेलन का शुभारंभ एस.एस.बी. शीर्षक गीत के गायन से हुआ, जिससे वातावरण में उत्साह और अनुशासन का संचार हुआ । तत्पश्चात् कमांडेंट ने सैनिकों को संबोधित करते हुए संगठन एवं व्यक्तिगत जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया । उन्होंने विशेष रूप से बल दिया कि कोई भी कार्मिक अवकाश से अनुपस्थित न रहे एवं समय पर ड्यूटी पर उपस्थित होना सुनिश्चित करे । बल से संबंधित गोपनीय सूचनाओं को किसी भी बाहरी व्यक्ति से साझा न करें । सोशल मीडिया पर बल अथवा वर्दी से संबंधित किसी भी प्रकार की पोस्ट न करें क्योंकि यह सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित है । सभी कार्मिक अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें, नियमित व्यायाम एवं खेल-कूद में भाग लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें । सीमा पर ड्यूटी करते समय पूर्ण सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करें और आवागमन करने वाले आम नागरिकों के साथ सदैव सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें । वर्षा ऋतु के मद्देनज़र मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हेतु सभी कार्मिक सोने के समय नियमित रूप से मच्छरदानी का प्रयोग करें एवं अपने आस-पास पानी इकठ्ठा नहीं होने दें ।
कमांडेंट ने अपने संबोधन में बल अनुशासन, परंपरा एवं कर्तव्यनिष्ठा पर भी प्रकाश डाला और जवानों को प्रेरित किया कि वे सदैव देशहित एवं बल के गौरव को सर्वोपरि रखें । उन्होंने जवानों की समस्याओं को भी सुना और उनके समाधान हेतु आवश्यक आश्वासन प्रदान किया ।
सैनिक सम्मलेन के अंत में वाहिनी के कार्मिकों द्वारा देश की सेवा में किए गए अच्छे कार्यों के लिए कमांडेंट द्वारा कार्मिकों को बल मुख्यालय, स.सी.बल, नई दिल्ली से प्राप्त आतंरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया गया ।
सैनिक सम्मेलन के उपरान्त वाहिनी प्रांगण में बड़ाखाना का आयोजन किया गया, जिसमें सभी अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारी एवं जवानों ने मिलकर सहभागिता की । इस अवसर पर विशेष रूप से मिलेट्स (श्रीअन्न) से बने विभिन्न स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजन तैयार किए गए, जिनका सभी ने मिलकर उपभोग किया । इस आयोजन ने सैनिकों के बीच आपसी भाईचारे, एकता एवं संगठनात्मक भावना को और प्रगाढ़ किया ।
इस प्रकार सैनिक सम्मेलन न केवल बल अनुशासन एवं दिशा-निर्देशों की पुनः स्मृति का अवसर बना, बल्कि इससे जवानों में नई ऊर्जा, उत्साह एवं संगठन के प्रति गर्व की भावना का संचार हुआ ।