(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)21 जून 2025 को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के शुभ अवसर पर 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, पलिया द्वारा योग कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातःकाल शांत वातावरण में हुआ, जिसमें वाहिनी के कमांडेंट रबीन्द्र कुमार राजेश्वरी के नेतृत्व में सभी अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी, जवान, उनके परिवारजन, तथा स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया । कार्यक्रम में केन्द्रीय विद्यालय, 39वीं वाहिनी पलिया के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा भी सहभागिता की गई । योग प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभागियों को सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, प्राणायाम, ध्यान आदि योग क्रियाओं का अभ्यास कराया गया । योगाभ्यास के पश्चात एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें योग के महत्व पर प्रकाश डाला गया । वक्ताओं ने बताया कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करने का एक प्रभावी माध्यम है । इसके नियमित अभ्यास से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, तनाव कम होता है तथा मानसिक शांति प्राप्त होती है ।
कमांडेंट रबीन्द्र कुमार राजेश्वरी ने इस अवसर पर अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि –
“योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है । यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है । हमें इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाकर एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए । सशस्त्र बलों के लिए योग अत्यंत उपयोगी है, क्योंकि यह न केवल शारीरिक क्षमता बढ़ाता है, बल्कि मानसिक मजबूती भी प्रदान करता है ।” कार्यक्रम में भाग लेने वाले परिवारजनों ने भी इस पहल की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया । कार्यक्रम का समापन सामूहिक शांति प्रार्थना एवं ‘योग के नियमित अभ्यास’ की प्रतिज्ञा के साथ हुआ ।
इस सफल आयोजन के माध्यम से 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, पलिया ने यह संदेश दिया कि योग जीवन का अभिन्न अंग बनकर न केवल स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाता है, बल्कि समाज को भी जोड़ने का कार्य करता है । यह आयोजन ‘एक भारत, स्वस्थ भारत’ की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ ।