(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)दिनांक 17 जून को सम्पूर्णानगर वन विश्राम भवन, बफर जोन में दुधवा टाइगर रिजर्व और विश्व प्रकृति निधि भारत ( डब्लू डब्लू एफ इंडिया) के संयुक्त आयोजन में मानव वन्यजीव संघर्ष के विभिन्न विषयों पर कार्यशाला आयोजित किया गया । कार्यशाला में स्थानीय ग्राम प्रधान, लेखपाल , ईको विकास समितियों के प्रतिनिधि, बाघ मित्र और वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए डब्लू डब्लू एफ इंडिया के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने बताया कि यह क्षेत्र पीलीभीत टाईगर रिजर्व और टार्टरगंज क्षेत्र के माध्यम से शुक्लाफांटा नेशनल पार्क नेपाल से जुड़ा हुआ है। तथा अत्यंत दुर्लभ वन्यजीवों का आवागमन उक्त कॉरिडोर के माध्यम से होता है उनकी सुरक्षा तथा मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने में स्थानीय समुदाय तथा अन्य हितकारी विभागों को संयुक्त रूप से जागरूक होकर काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जिसमें प्रमुख रूप से मानव वन्यजीव संघर्ष के कारण तथा निवारण, मुआवजे के प्रक्रिया , तथा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं मानक संचालन प्रक्रिया को विस्तार से बताया। डब्लू डब्लू एफ इंडिया के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी पीलीभीत के नरेश कुमार ने बाघ मित्रों के चयन प्रक्रिया तथा उनके कार्यविधि के बारे में बताया तथा ग्राम प्रधानों और लेखपाल को आपदा राहत निधि से मुआवजा प्रक्रिया के बारे में बताया।
डब्लू डब्लू एफ इंडिया के परियोजना अधिकारी देवल कदम ने मुआवजे की प्रक्रिया में सभी हितकारी विभागों के दायित्वों तथा मुआवजे के भुगतान में आ रही समस्याओं पर चर्चा किया। उपस्थित लोगों ने विभिन्न समस्याओं तथा सुझाव पर चर्चा किया । वन दरोगा पुष्कर सिंह ने रेस्क्यू ऑरेशन तथा वन्यजीवों के व्यवहार पर चर्चा किया।
कार्यशाला में सम्पूर्णानगर व्यापार मंडल महामंत्री इश्तियाक अली , प्रभुनाथ ग्राम प्रधान भानपुरी, जितेंद्र यादव , ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रानीनगर,मनोज सिंह ग्राम प्रधान शास्त्री नगर, राजनाथ यादव ग्राम प्रधान बसही, इकबाल सिंह ग्राम प्रधान कबीरगंज, अजय कुमार लेखपाल, रोशन पत्रकार रानीनगर, कंवलजीत बी डी सी समेत कई किसान, सहायक परियोजना अधिकारी डब्लू डब्लू एफ राधेश्याम भार्गव और कई वन कर्मचारी उपस्थित रहे।