(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलिया कलां(खीरी) 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, पलिया ने
विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर
एस.एस.बी. कार्मिकों ने बढ़-चढ़कर किया रक्तदान। कमांडेंट रबीन्द्र कुमार राजेश्वरी ने दिया सामाजिक उत्तरदायित्व का संदेश विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर दिनांक 14 जून 2025 को 39वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, पलिया कलां के वाहिनी चिकित्सालय में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । यह शिविर वन वीट 10 दशमेश चैरिटेबल हॉस्पिटल ब्लड बैंक भीरा खीरी के सहयोग और चिकित्सा विशेषज्ञों की निगरानी में आयोजित किया गया ।
रक्तदान शिविर का शुभारंभ वाहिनी के कमांडेंट रबीन्द्र कुमार राजेश्वरी द्वारा किया गया । इस अवसर पर उन्होंने रक्तदान किया और अन्य अधिकारियों एवं जवानों को भी इस पुनीत कार्य में भाग लेने हेतु प्रेरित किया । इस शिविर में वाहिनी में तैनात अनेक जवानों एवं अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और स्वेच्छा से रक्तदान कर सामाजिक दायित्व के निर्वहन में अग्रणी भूमिका निभाई । शिविर में दर्जनों यूनिट रक्त एकत्र किया गया, जो आपात स्थिति में ज़रूरतमंद मरीजों के जीवन बचाने में सहायक होगा ।कमांडेंट रबीन्द्र कुमार राजेश्वरी ने अपने संबोधन में कहा –
“विश्व रक्तदाता दिवस न केवल एक आयोजन है, बल्कि यह मानवता और जीवन रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है । स्वैच्छिक, नि:शुल्क और नियमित रक्तदान से न केवल किसी की जान बचाई जा सकती है, बल्कि यह रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है । नियमित रक्तदान से शरीर में रक्त निर्माण की प्रक्रिया सक्रिय रहती है और यह हृदय व लीवर संबंधी बीमारियों को भी रोकने में सहायक होता है ।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से रक्तदान के प्रति समाज में जागरूकता उत्पन्न होती है और विशेषकर युवाओं में सामाजिक सेवा की भावना का संचार होता है । इस अवसर पर कमांडेंट महोदय ने सभी रक्तदाताओं को स्मृति चिह्न एवं प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया तथा उनके इस मानवीय योगदान की प्रशंसा की । कार्यक्रम में समस्त अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारी, अन्य कर्मियों एवं नर्सिंग स्टाफ की सक्रिय भूमिका सराहनीय रही । कार्यक्रम का संचालन पूर्णतः स्वच्छता, सुरक्षा एवं चिकित्सा मानकों के तहत किया गया । शिविर के समापन पर चिकित्सकों ने भी एस.एस.बी. के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए भविष्य में ऐसे आयोजनों में सहयोग जारी रखने की बात कही ।
यह आयोजन न केवल एस.एस.बी. की मानवीय और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक रहा, बल्कि यह उदाहरण है कि सुरक्षा बल न केवल देश की सीमाओं की रक्षा में बल्कि समाज सेवा में भी हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते हैं ।

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