

(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)समर कैम्प के दौरान आइकन ऑफ़ एशिया से सम्मानित समाजसेवी एवं पर्यावरण प्रेमी डा आई ए ख़ान द्वारा एनसीसी के छात्र छात्राओं को सीपीआर की ट्रेनिंग दी गई तथा एसोसियेट एनसीसी ऑफिसर लेफ़्टिनेंट विशाल पराशर द्वारा चलाए जा रहे समर कैम्प में एनसीसी छात्र छात्राओं को ड्रिल, अपदा प्रबंधन आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया एवं प्राचार्य ओमप्रकाश गौड़ द्वारा सीपीआर को लेकर अपने अनुभव साझा किए गए ।डा ख़ान द्वारा बताया गया कि आज कल सडेन कार्डियेक अरेस्ट बहुत आम हो गया है लगभग सात लाख लोगों की प्रति वर्ष सडेन डेथ हो रही है। अगर हम सब को सीपीआर के बारे में सही जानकारी तथा यदि हमने 2-3 मिनट के अंदर सीपीआर शुरू कर दिया तो बहुत सारे लोगों की जान बचाई जा सकती है। CPR(cardiopulmonary resuscitation) देने से व्यक्ति के बचने की संभावना दो तीन गुना ज़्यादा हो जाती है ।अगर कोई व्यक्ति मूर्छित हो कर गिर गया है तो सबसे पहले देखना चाहिए की क्या व्यक्ति होश में है या नहीं, साँस और पल्स चल रही है या नहीं अगर ये तीनों चीज़े नहीं हैं तो फ़ौरन चिकित्सीय सहायता को बुलाना चाहिए तथा सीपीआर शुरू कर देना चाहिए ।सीपीआर व्यक्ति के होश, सांस, चिकित्सीय सहायता के आने तक करना चाहिएसीपीआर देने के लिए फ़र्श या किसी हार्ड सर्फ़ेस पर सीधा लिटा देना चाहिए सीने के बीच में निचले हिस्से पर दोनों निप्पल के बीच में आपने दोनों हाथों को कंधों तक बिलकुल सीधा रखकर पंजों को एक दूसरे में फ़साकर हथेलियों को एक दूसरे के ऊपर रख कर ज़ोर ज़ोर से दबाना चाहिए। जिससे व्यक्ति का सीना लगभग दो इंच तक दब जाये ये क्रिया एक मिनट में 100 से 120 बार करना चाहिए और हर 30 बार ये क्रिया करने के बाद गला सीधा कर नाक बंद कर मुँह पर मुँह रख कर दो बार साँस देनी चाहिए अगर माउथ टू माउथ रेस्पिरेशन देने में दिक़्क़त है तो सीने के बीच में प्रेशर लगातार देते रहना चाहिए ।अगर एक थक जाये तो दूसरे को ये क्रिया करनी चाहिए समाजसेवी एवं पर्यावरण प्रेमी दनियाल ख़ान ने स्वच्छता का महत्त्व बताया एवं सभी को पेपर सोप बांटे ।इस मौके पर एनसीसी छात्र छात्राएं एवं आरव पाराशर मौजूद रहे।