(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी) लखीमपुर खीरी की तपती धरती पर शुक्रवार को एक नई कहानी लिखी गई पानी बचाने की, प्रकृति से जुड़ने की, और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को संवारने की। तहसील सदर के ग्राम अमानलाला में डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और सीडीओ अभिषेक कुमार ने पारंपरिक विधि-विधान से तालाब खुदाई कार्य का शुभारंभ किया। वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच जब दोनों अधिकारियों ने खुद फावड़ा उठाया, तो वह क्षण केवल मिट्टी हटाने का नहीं, बल्कि नई उम्मीदों की बुनियाद रखने का प्रतीक बन गया।

डीएम का संदेश : ये तालाब आने वाली पीढ़ियों की अमानत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि पानी बचाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अब गांव खुद उठा रहे हैं। यह सिर्फ तालाब नहीं, आने वाली पीढ़ियों को सौंपा गया अमूल्य उपहार है। यह सिर्फ खुदाई नहीं, बल्कि जल प्रबंधन की सोच का प्रतिबिंब है। सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि हर गांव में एक तालाब, मतलब हर गांव में एक जलग्रहण केंद्र। जब गांव खुद अपना जल सहेजेंगे, तो जल संकट सिर्फ शब्द बनकर रह जाएगा।

कार्यक्रम के अंत में डीएम और सीडीओ ने वहां मौजूद श्रमिकों, ग्रामीणों और बच्चों को मिष्ठान और बिस्कुट वितरित कर उनका उत्साह बढ़ाया और इस सामूहिक प्रयास को एक उत्सव में बदला। यह कदम जल संरक्षण के महत्व को समझाने और सभी को जोड़ने की एक नयी मिसाल बन गया। इस मौके पर बीडीओ ज्ञानेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

बताते चलें कि प्रधानमंत्री की “कैच द रेन” पहल को ज़मीन पर उतारते हुए सीडीओ अभिषेक कुमार के नेतृत्व में जल संरक्षण की एक बेमिसाल शुरुआत की गई है। इस अनूठी पहल के तहत अबतक जिले के 1000 गांवों में कच्चे तालाबों का निर्माण कार्य आरंभ करवा दिया है। हर तालाब को तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए इनलेट, आउटलेट की व्यवस्था की जा रही है, जिससे वर्षा जल को रोककर उसे लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके।

15 जून—एक तारीख नहीं, एक डेडिकेशन

प्रशासन का लक्ष्य है कि 15 जून तक सभी तालाबों का निर्माण पूर्ण कर लिया जाए।
लेकिन यह कोई तारीख नहीं, यह एक डेडलाइन नहीं—डेडिकेशन है। इन तालाबों से न केवल वर्षा जल का संचयन होगा, बल्कि पशुओं के लिए पेयजल और खेती के लिए जल स्रोत भी सुनिश्चित होंगे। यह पहल गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाएगी और भूजल स्तर में सुधार लाने में भी सहायक होगी।

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बांदा में जल सुरक्षा की लिखी नई कहानी, राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित
बताते चलें कि बांदा जिले में अपनी तैनाती के दौरान जल संरक्षण की मिसाल कायम कर लखीमपुर खीरी के डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने जल सुरक्षा के लिए नई कहानी लिखी। बांदा जिले में अपनी सेवा के दौरान जल संरक्षण की प्रभावशाली मुहिम चलाने वाली डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को उनके प्रयासों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5वां राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है। यह सम्मान उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत का प्रतीक है, जिसने लाखों लोगों के लिए जल संकट से लड़ने की राह आसान बनाई।

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