(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)लखीमपुर खीरी 12 मार्च। उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मा. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सूचित किया गया कि भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल, 2025 तक ईआरओ, डीईओ या सीईओ के स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। आज राजनीतिक दलों को जारी एक व्यक्तिगत पत्र में, आयोग ने स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर पार्टी के अध्यक्षों और वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत की परिकल्पना की है।
इससे पहले, पिछले सप्ताह ईसीआई सम्मेलन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओ को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित बातचीत कर, ऐसी बैठकों में प्राप्त किसी भी सुझाव को पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के अन्दर हल करें और 31 मार्च, 2025 तक आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आयोग ने राजनीतिक दलों से विकेंद्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि संविधान और वैधानिक ढ़ांचे के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं को कवर करने वाले वैधानिक ढांचे के अनुसार आयोग द्वारा पहचाने गए 28 हितधारकों में से एक प्रमुख हितधारक हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951; मतदाताओं का पंजीकरण नियम, 1960; चुनाव संचालन नियम, 1961; माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों, मैनुअल और हैंडबुक (ईसीआई वेबसाइट पर उपलब्ध) ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेन्द्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।
*ईआरओ ने की राजनीतिक दलों संग बैठक, आयोग के निर्देशों से कराया अवगत*
इस संदर्भ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के निर्देशों के क्रम में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर 11 मार्च, 2025 को सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा समस्त मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनको भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश द्वारा दिए गए निर्देशों से अवगत कराते हुए अनुरोध किया गया कि वे बूथ लेवल एजेंट को नियुक्त करते हुए निर्वाचक नामावली में सुधार एवं सुझाव के अनुसार सहयोग प्रदान करें जिससे निर्वाचक नामावली एवं निर्वाचन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण कार्य में किसी प्रकार की कोई कढ़िनाई न उत्पन्न हो।