(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी) गोला गोकर्णनाथ खीरी बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल गोला के मिल गेट क्षेत्र के ग्राम भेलवा में एक कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में चीनी मिल के वरिष्ठ महा प्रबन्धक गन्ना पी एस चतुर्वेदी,ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक आशुतोष मधुकर एवं मिल परिक्षेत्र के लगभग 150 कृषकों ने भाग लिया। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक गोला ने बताया कि गन्ना आयुक्त महोदय उत्तरप्रदेश द्वारा बुआई वर्ष 2024-25 वास्ते पेराई सत्र 2025-26 के लिए संशोधित तालिका जारी की गई है,जिसमे गन्ना प्रजाति को०हरियाणा 119 तथा पी०बी० 95 एवं अन्य अनामित गन्ना प्रजातियां अस्वीकृत श्रेणी में हो गयी है,इसलिए इन प्रजातियों का सर्वे अस्वीकृत प्रजाति में किया जाएगा,साथ ही गन्ना प्रजाति कोशा० 8436 काफी पुरानी एवं लाल सड़न रोग से ग्रसित होने के कारण सावधानी बरतने तथा इसकी बुवाई कदापि न करने के निर्देश जारी हुए है । साथ ही उन्होंने विभिन्न विभागीय योजनाओं तथा उनमे देय अनुदान के बारे में तथा बसंत कालीन बुवाई में ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें, प्रजातियों,ड्रिप सिंचाई महिला स्वयं सहायता समूह से उत्पादित सीडलिंग के लगाने के लाभ, फार्म मशीनरी बैंक में उपलब्ध यंत्रों के सदुपयोग किफायती दरों में किराये पर ले जाकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने तथा समिति द्वारा दी जाने वाली नैनो यूरिया तथा अन्य दवाइयां आदि के बारे में विस्तार से बताया। इसी क्रम में वरिष्ठ महा प्रबन्धक ‘गन्ना’ पी एस चतुर्वेदी ने कृषकों से अपील की कि कोल्हू,क्रेशरों पर गन्ना न बेचे आपके मिलगेट व क्रयकेन्द्रों पर मुक्त खरीद की जा रही है,अपना आपूर्ति योग्य समस्त गन्ना अपने सट्टे पर 12 मार्च तक मिल में आपूर्ति कर दे, उसके बाद चीनी मिल पेराई सत्र 2024 -25 के लिए बन्द हो जाएगी,साथ ही उन्होंने अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए उन्नतशील गन्ना प्रजातियों जैसे को० 0118,को० 15023,कोशा० 13235,कोलख०14201 तथा जल भराव वाले क्षेत्रो के लिए को० 98014 एवं कोलख 94184 का चयन कर ट्रेंच विधि से गन्ना बुआई करने की जानकारी दी।
उन्होंने ने किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि गन्ने के ऊपरी एक-तिहाई हिस्से का जमाव अच्छा होता है,इस लिए ऊपरी एक-तिहाई हिस्से को बीज में प्रयोग करके शेष भाग को मिल में आपूर्ति कर दे। प्रबंधक गन्ना सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने पेड़ी गन्ने की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए गन्ना कटाई के तुरन्त बाद सिचाई करके 75 किग्रा० यूरिया प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने बताया कि चीनी मिल द्वारा कृषकों को बीज उपलब्ध कराया जा रहा है तथा मृदा उपचार हेतु ट्राइकोडर्मा व बीज उपचार हेतु फफूंदीनाशक थायोफिनेट मिथाइल भी मिल द्वारा कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है और ये भी बताया कि अपना बेसिक कोटा मजबूत बनाए रखने के लिए सारा गन्ना मिल में ही आपूर्ति करें। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रगतिशील कृषक चिन्ता प्रसाद वर्मा ने की तथा मंच संचालन प्रबन्धक गन्ना सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने किया। इस मौके पर सहायक गन्ना अधिकारी राहुल यादव, कृषक ब्रजेश वर्मा,चन्द्रिका प्रसाद वर्मा,रामेश्वर दयाल ,पवन कुमार,राजेश कुमार,हंसराम,अशोक वर्मा,गन्ना समिति के गन्ना पर्यवेक्षक व चीनी मिल के मोटिवेटर/कामदार सहित सैकड़ों कृषक उपस्थित रहे।

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