(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां-(खीरी)19-02-2025 दिन बुधवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज पलिया कलां खीरी के वंदना सत्र में छत्रपति शिवाजी महाराज एवं डॉक्टर गोलवलकर जी की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई ।कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य
रामप्रताप सिंह एवं वरिष्ठ आचार्य सुनीत ने माँ सरस्वती एवं परम पूजनीय डॉ. गोलवलकर जी के चित्र के समक्ष चंदन – वंदन एवं पुष्पार्पित कर भैया /बहनों के साथ माँ सरस्वती की वंदना की । आचार्य सुनीत ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि
शिवाजी महाराज एक महान मराठा योद्धा रहे हैं जिनका जन्म 19 फरवरी, 1630 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के शिवनेरी किले में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोंसले, माँ जीजाबाई और इनके पुत्र संभाजी भोंसले थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और पश्चिमी घाटों में मुगल साम्राज्य के खिलाफ युद्ध लड़े। इसके पश्चात उन्हों ने माधव सदाशिव गोलवरकर जी के बारे में बताया कि माधव सदाशिव गोलवरकर को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में पूजनीय गुरुजी के नाम से जाना जाता है डॉक्टर हेडगेवार ने उत्तराधिकारी के बतौर चुना था गोलवलकर 33 साल 1940 से 1973 तक संघ के सरसंघचालक रहे गोलवरकर ने संघ कि सैद्धांतिक सोच को शाखाओ की मदद से मोहल्लों तक पहुंचा ।वह राजनैतिक को संघ के मतहत ही रखना चाहते थे उन्होंने विद्यार्थी परिषद एवं हिंदू परिषद की मदद से संघ की सोच को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने दो किताबें” बंच ऑफ थॉट ” और “अवर नेशनहुड डिफान लिखी ” विद्यालय के प्रधानाचार्य जी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि “शिवाजी महाराज ने कहा था कि जब हौसले बुलंद होते हैं, तो पहाड़ भी मिट्टी का ढेर लगता है शिवाजी महाराज ने कहा था कि अगर अपनी देश की आज़ादी और अपने स्वाभिमान को बनाए रखना है, तो उनके जैसे व्यक्तित्व प्रतीक हैं और हमेशा जीवित रहते हैं ।कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के साथ हुआ।