(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)लखीमपुर 29 जनवरी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बुधवार को कलेक्ट्रेट में ‘‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका’’ विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई, जिसका नारी सशक्तिकरण के फील्ड में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त थारू जनजाति की आरती राना व डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने संयुक्त रूप से शुभारम्भ किया। कार्यक्रम का सफल संयोजन एडीएम संजय कुमार सिंह ने किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि देश, प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आपदा के वक्त महिला को फ्रंट रनर माना गया है। समूह की महिलाए प्रशिक्षित होने पर विपदा से निपटने, निजात पाने और उसकी क्षति को न्यूनतम करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने में सक्षम साबित होगी। प्रशिक्षण पाने के उपरांत मास्टर ट्रेनर बनकर यह महिलाएं कम से कम 50-50 महिलाओं को आपदा से बचाव के लिए ट्रैंड करेंगी।
डीएम ने कहा कि आपदा जोखिम प्रबंधन हेतु महिलाओं की भागीदारी, नेतृत्व को प्रोत्साहित करना जरूरी है। किसी भी आपदा के दौरान बच्चे, वृद्ध व अस्वस्थ व्यक्ति तथा महिलाएं सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं। महिलाओं को आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण देकर समुदाय के सर्वाधिक संवेदनशील समूह को जागरूक, सुरक्षित बनाया जा सकता है।विभिन्न सत्रों के जरिए जो कुछ सिखाया, बताया जा रहा है, उसको अपने जीवन में उतारे तभी इस कार्यशाला का उद्देश्य पूरा होगा।
एडीएम संजय कुमार सिंह ने कहा कि जिले के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न आपदाओं के प्रकार, कारण तथा संवेदनशीलता से स्वयं सहायता समूहों को अवगत कराना है। समुदाय की अंतिम इकाई तक आपदाओं के संबंध में जागरूकता फैलाना है। आपदाओं की रोकथाम, शमन की तैयारी तथा आपदा के समय ‘‘क्या करें व क्या न करें’’ के संबंध में महिलाओं को जानकारी प्रदान करना है। आपदा पूर्व तैयारी, आपदा के दौरान किए जाने वाले कार्य तथा आपदा के पश्चात पुनर्वास में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को रेखांकित करना इत्यादि है।
*प्रशिक्षक राज नारायण वर्मा ने सिखाए आपदा से बचाव के तरीके*
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रशिक्षक राज नारायण वर्मा ने महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को आग, भूकंप, बाढ़ और दूसरी आपदा के दौरान बचाव करने के तरीके सिखाए। आपदा में घायल हुए लोगों को प्राथमिक उपचार करने की ट्रेनिंग भी दी।कार्यशाला की शुरुआत में एसडीएम अमिता यादव ने कार्यशाला की आवश्यकता, प्रासंगिकता बताई। आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों, गतिविधियों के कुशल संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में प्रशिक्षित करते हुए सम्पूर्ण समुदाय को जागरूक व प्रशिक्षित कर विभिन्न आपदाओं से होने वाली जन-धन एवं पर्यावरण की हानियों को न्यूनतम किया जा सकता है।
*डिजास्टर असेसमेंट में दस समूह की महिलाओं ने जीता पुरस्कार, सम्मानित*
*दस समूह की महिलाओं को मिले एक-एक हजार की चेक*
कार्यशाला में प्रशिक्षण के उपरांत हुए असेसमेंट में प्रश्नोत्तरी में सही जवाब और बेहतरीन परफॉर्मेंस पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निर्देश पर एडीएम संजय कुमार सिंह ने रमियाबेहड से आकांक्षी स्वयं सहायता समूह की बीनू कुमारी, कुम्भी से सरस्वती स्वयं सहायता समूह की प्रेमवती, बाकेगंज से जय मा वैणो देवी प्रेरणा समूह की सीमा देवी, मोहम्मदी से अली प्रेरणा की रंगोली, महक प्रेरणा की बुशरा, मितौली से कल्पना प्रेरणा की कल्पना देवी, पलिया से सीता प्रेरणा की मोनिका, बेहजम से जिन्दबाबा समूह की फरजाना बानो, रमियाबेहड से सानवी प्रेरणा की सरस्वती कुमारी और फूलबेहड़ से विजय प्रेरणा समूह की श्रीमती सूफी को 01-01 हजार की चेक प्रदान किए।
*इनकी रही मौजूदगी* : कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, उपायुक्त स्वत रोजगार जेके मिश्र, एसडीएम अमिता यादव, तहसीलदार (सदर) सुशील प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार श्रीश त्रिपाठी, दैवीय आपदा क्लर्क राम नरेश भार्गव, आपदा विशेषज्ञ अंकित राज सहित करीब 150 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मौजूद रही।