विगत वर्षों से शारदा नदी पर निरन्तर हो रहे खनन के कारण शारदा नदी मार्ग बदल रही है तथा भीरा-पलिया रेल मार्ग, एन०एच० 731, जंगल, कृषि भूमि, आबादी आदि, तहसील-पलिया, निघासन को भारी नुकसान कर रही है। खनन के पट्टे की आड़ में आस-पास की नदी के किनारे की भूमि भी खोदे जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। मड पम्प आदि के द्वारा खनन/खुदान के कारण शारदा नदी का मार्ग बदलना स्वाभाविक है तथा जिससे भीषण नुकसान होगा। विगत वर्षों में खनन के संदर्भ में आम जनमानस / जन प्रतिनिधियों द्वारा काफी शिकायतें भी हई हैं। उल्लेखनीय है कि शारदा नदी के कटान/बाढ़ आदि के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्डपीठ, लखनऊ में रिट याचिका संख्या 12/पी०आई०एल०/2025/विचाराधीन है जिसमें खनन को भी बाढ़ का कारण कहा गया है। माननीय न्यायालय द्वारा राज्य सरकार से दिनांक 15.01.2025 को जवाब मांगा गया है। इस याचिका में आप विपक्षी संख्या 6 हैं। अतः व्यापक जनहित/राज्य हित में आपसे निवेदन है कि खनन पट्टा जो कि ग्राम-अतरिया, तहसील-पलिया, गाटा संख्या 504 में दिया गया है उस पर मुख्य अभियंता शारदा सिंचाई विभाग, बरेली, उ०प्र० का मत लेकर ही खनन सम्बन्धी अग्रिम कार्यवाही करने की कृपा करें।
ज्ञापन की प्रतियां मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल शक्ति विभाग, बापू भवन सचिवालय लखनऊ ,मंडल आयुक्त लखनऊ मंडल लखनऊ ,मुख्य अभियंता शारदा सिंचाई विभाग बरेली ,सांसद लोकसभा खीरी , विधायक 137 पलिया (खीरी) विधायक 138 निघासन (खीरी) व मंडल रेल प्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ को प्रेषित की गई हैं।