(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां-(खीरी)6 जनवरी, बलराम पुत्र शम्भू दयाल उम्र लगभग 18 वर्ष निवासी बासुकपुर, थाना-मैलानी, जनपद-खीरी अपने बहनोई राजपाल निवासी कटैया, थाना-भीरा के यहाँ सरसों की फसल को बचाने का कार्य करने आया था। वह दिनांक 05.01.2025 की सायं में किशनपुर वन्य जीव विहार, मैलानी-खीरी की किशनपुर रेंज के कटैया स्थित जंगल से लगे खेत में सरसों को बचाने का कार्य कर रहा था। उसी समय जंगल से निकले बाघ द्वारा उस पर आक्रमण करने का प्रयास किया गया। उसी समय उधर से निकल रहे नन्हें पुत्र श्री लालजी निवासी ग्राम कटैया, थाना-भीरा, जिला-खीरी की नजर बलराम की तरफ पड़ी। बिना डरे वहां से भागने के बजाए श्री नन्हें द्वारा हल्ला मचाया जाने लगा। शोर के कारण बाघ वापस गन्ने में चला गया। इस प्रकार नन्हें की सूझबूझ एवं निडरता के कारण बलराम पर आया खतरा टल गया। हालांकि बाघ के आक्रमण करने के प्रयास में बलराम के हिप व पैर में पंजे के निशान लग गए। इस कारण बलराम बुरी तरह से भयभीत हो गया। जानकारी प्राप्त होते ही किशनपुर रेंज स्टाफ संक्षम स्तर को सूचना देते हुए तत्काल प्रभाव से घटना स्थल पर पहुँचकर ग्रामीणों की मदद से बलराम को प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बिजुआ ले जाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के उपरांत चिकित्सकों द्वारा बलराम को सुरक्षित बताया गया।

घायल बलराम की नन्हें द्वारा अपनी सूझबूझ एवं निडरता से बचाव किए जाने के कारण नन्हें को दुधवा पार्क प्रशासन के सक्षम उच्च स्तर के निर्देशन में धर्मेन्द्र द्विवेदी, वन्य जीव प्रतिपालक, किशनपुर द्वारा कंबल प्रदान कर सम्मानित किया गया।

एक युवकने बचाई दूसरे युवक की जान, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने किया सम्मानित।

पलियाकलां-(खीरी) बलराम पुत्र शम्भू दयाल उम्र लगभग 18 वर्ष निवासी बासुकपुर, थाना-मैलानी, जनपद-खीरी अपने बहनोई राजपाल निवासी कटैया, थाना-भीरा के यहाँ सरसों की फसल को बचाने का कार्य करने आया था। वह दिनांक 05.01.2025 की सायं में किशनपुर वन्य जीव विहार, मैलानी-खीरी की किशनपुर रेंज के कटैया स्थित जंगल से लगे खेत में सरसों को बचाने का कार्य कर रहा था। उसी समय जंगल से निकले बाघ द्वारा उस पर आक्रमण करने का प्रयास किया गया। उसी समय उधर से निकल रहे नन्हें पुत्र श्री लालजी निवासी ग्राम कटैया, थाना-भीरा, जिला-खीरी की नजर बलराम की तरफ पड़ी। बिना डरे वहां से भागने के बजाए श्री नन्हें द्वारा हल्ला मचाया जाने लगा। शोर के कारण बाघ वापस गन्ने में चला गया। इस प्रकार नन्हें की सूझबूझ एवं निडरता के कारण बलराम पर आया खतरा टल गया। हालांकि बाघ के आक्रमण करने के प्रयास में बलराम के हिप व पैर में पंजे के निशान लग गए। इस कारण बलराम बुरी तरह से भयभीत हो गया। जानकारी प्राप्त होते ही किशनपुर रेंज स्टाफ संक्षम स्तर को सूचना देते हुए तत्काल प्रभाव से घटना स्थल पर पहुँचकर ग्रामीणों की मदद से बलराम को प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बिजुआ ले जाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के उपरांत चिकित्सकों द्वारा बलराम को सुरक्षित बताया गया।

घायल बलराम की नन्हें द्वारा अपनी सूझबूझ एवं निडरता से बचाव किए जाने के कारण नन्हें को दुधवा पार्क प्रशासन के सक्षम उच्च स्तर के निर्देशन में धर्मेन्द्र द्विवेदी, वन्य जीव प्रतिपालक, किशनपुर द्वारा कंबल प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही ग्रामीणों से अपील की गई कि जंगल से सटे क्षेत्र के खेतों में ग्रामीण समूह में जाएं विशेषकर सायं एवं प्रातःकाल में तथा सावधानी बरतें, जिससे कि इस प्रकार की घटनाएं घटित न होने पाएं। यह जानकारी उपनिदेशक दुधवा पार्क डॉक्टर रंगा राजू टी ने दी।साथ ही ग्रामीणों से अपील की गई कि जंगल से सटे क्षेत्र के खेतों में ग्रामीण समूह में जाएं विशेषकर सायं एवं प्रातःकाल में तथा सावधानी बरतें, जिससे कि इस प्रकार की घटनाएं घटित न होने पाएं। यह जानकारी उपनिदेशक दुधवा पार्क डॉक्टर रंगा राजू टी ने दी।

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