(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 31 दिसंबर। मंगलवार को “मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान” के क्रियान्वयन के लिए विकास भवन के विवेकानंद सभागार में सीडीओ अभिषेक कुमार ने अधिकारियों की बैठक लेकर संबंधित को जरूरी दिशा निर्देश दिए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीडीओ अभिषेक कुमार ने उपायुक्त (उद्योग) उज्जवल सिंह को निर्देशित दिए कि ई-डिस्टिक मैनेजर से समन्वय करते हुए सभी सीएचसी संचालकों (वीएलई) को योजना में आवेदन करने के लिए प्रशिक्षण दिलाए। कैरियर काउंसलिंग के दौरान सभी प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षकों को योजना की जानकारी दी जाए। आईटीआई प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि सभी प्रशिक्षुओं को प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी देकर लाभान्वित कराए।

सीडीओ ने जिले में विभिन्न सेक्टर्स में कौशल विकास का प्रशिक्षण के जरिए स्वरोजगार से जोड़ने वाली संस्थाओं की प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों को इस योजना की न केवल जानकारी दें बल्कि इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित करें, ताकि उनका भविष्य खुशहाल और समृद्ध बन सकें।

सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक रोजगार एवं निवेश के वातावरण के सृजन हेतु प्रदेश सरकार द्वारा मिशन मोड में हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर की थीम पर आगामी 10 वर्षों की समयावधि में कुल 10 लाख नई सुक्ष्म इकाइयां स्थापित किये जाने हेतु “मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जा रही।

बैठक में उपायुक्त उद्योग उज्जवल सिंह ने योजना की मुख्य बाते की जानकारी देते हुए कहा कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त 21-40 वर्ष के युवाओं को उत्पाद/सेवा सम्बन्धी उद्यम स्थापित कराकर स्वरोजगार से जोड़ना और प्रतिवर्ष 01 लाख युवाओं को स्वरोजगार, 10 वर्षों में 10 लाख स्वरोजगार के अवसर सृजित करना।

योजना के प्रथम चरण में रू. 5.00 लाख तक की परियोजनाओं हेतु 04 वर्षो तक 100 प्रतिशत ब्याज मुक्त कोलेटरल गांरटी मुक्त ऋण। सामान्य वर्ग के लाभार्थी को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, ओ०बी०सी० को 12.5 प्रतिशत, एससी/एसटी/दिव्यांग को 10 प्रतिशत स्वंय का अंशदान जमा करना होगा। परियोजना लागत पर 10 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान एवं 04 वर्षो तक सीजीटीएमएसई प्रतिपूर्ति।परियोजना लागत में भूमि-भवन सम्मिलित नहीं होगा तथा कुल परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्म लोन के रूप में होना अनिवार्य होगा।

योजना के द्वितीय चरण में प्रथम चरण में लिये गये मूलधन/पेनल इंटरेस्ट की पूर्ण वापसी करने वाला अभ्यर्थी पात्र होगा। रू.10 लाख तक परियोजना स्थापित की जा सकेंगी, परन्तु रू. 7.5 लाख तक के ऋण पर 50 प्रतिशत ब्याज अनुदान 03 वर्षों तक दिया जायेगा। ऋण में परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्म लोन होना अनिवार्य होगा तथा इसमें वर्कशॉप/वर्कशेड की लागत शामिल की जा सकेगी। सीजीटीएमएसई कवरेज 03 वर्षो तक।

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