(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)खंभारखेडा ( खीरी) बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल खम्भारखेड़ा के परिक्षेत्र के ग्राम लठिया में शरदकालीन गन्ना बुवाई के सम्बन्ध में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कृषक प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहॉपुर के सहायक निदेशक डा० परवीन कुमार कपिल, चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबन्धक (गन्ना) पुष्पेन्द्र ढाका, सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) राजेन्द्र सिंह, सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) राज सिंह, उप प्रबन्धक (गन्ना) कमल कुमार, सहायक अधिकारी अनूप कुमार अवस्थी सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे। कृषक गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व संचालक गन्ना समिति लखीमपुर विजय ब्रहम सिंह द्वारा की गयी।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर से आये डा० परवीन कुमार द्वारा प्रति इकाई गन्ना उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषकों से प्रजाति का सही चुनाव, गन्ने की लाइन से लाइन दूरी कम से कम 4 फिट रखने तथा मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों के प्रयोग करने की सलाह दी तथा वैज्ञानिक तकनीकी अपनाने पर जोर दिया इसके अतिरिक्त कृषकों को गन्ने की फसल पर लगने वाले कीट एवं बीमारियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। किसानों को गन्ने की स्वीकृत किस्मों, बीज का उपचार (थायोफिनिट मिथाइल द्वारा) एवं भूमि उपचार (ट्राइकोडर्मा द्वारा), गन्ना उत्पादन तकनीक, सिंगल बड तकनीक द्वारा गन्ना पौध तैयार करने, शरदकालीन गन्ना बुवाई, ट्रेंच विधि, कार्बनिक खाद, रासायनिक उर्वरकों का संतुलित प्रयोग, गन्ना खेती के साथ सहफसली खेती से लाभ, पेड़ी गन्ना प्रबन्धन आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबन्धक (गन्ना) द्वारा बताया गया कि किसी भी दशा में प्रतिबन्धित प्रजातियों अथवा अस्वीकृत एवं अन्य राज्यों की विकसित प्रतिबन्धित प्रजातियों की बुवाई कदापि ना करें। शरदकालीन गन्ना बुवाई में बुवाई से पूर्व बीज को फंफूदीनाशक एवं कीटनाशक से पूरी रात पानी के घोल में शोधित करके खेत को ट्राइकोडर्मा से शोधित करने के उपरान्त एक ऑख के टुकडे़ की बुवाई करें। शरदकालीन गन्ना बुवाई में उन्नातिशील गन्ना प्रजातियों (को.0118, को.लख.14201, को.शा.13235, को.लख.16202, को.शा.18231 एवं जलप्लावित क्षेत्र हेतु को.शा.13231 एवं को.लख.94184) का ही चयन करें और ट्रैन्च विधि के माध्यम से गन्ना बुवाई करें।