(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलिया कलां (खीरी)लखीमपुर 05 अक्टूबर। सहायक आयुक्त (खाद्य)-द्वितीय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन बृजेन्द्र शर्मा ने बताया कि विगत माह में प्रदेश में विभागीय टीम द्वारा विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों से प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान संग्रहित किये गये खुले कुट्टू का आटा के नमूने जांचोपरान्त मानव उपभोग के लिए असुरक्षित पाये गये है। उक्त नमूनो में एफलाटोक्सिन पाये जाने के करण मानव जीवन के लिए घातक है एवं इसके सेवन से वृहद स्तर पर मानव स्वास्थ्य को गंभीर क्षति हो सकती है। विगत कई माह में खुले कुट्टू के आटा से निर्मित खाद्य पदार्थों के सेवन से प्रदेश के कई जनपदों में फूड प्वाइजनिंग की घटनाएं हो चुकी है।
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने हेतु बृजेन्द्र शर्मा, सहायक आयुक्त खाद्य – II, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखीमपुर-खीरी द्वारा आम जनमानस के स्वास्थ्य के दृष्टिगत जनहित में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 36 ( 3 ) (बी) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हु अग्रिम
आदेश तक सम्पूर्ण जनपद में खुला कुट्टू का आटा के भण्डारण/ वितरण / विक्रय को प्रतिषेध / प्रतिबन्धित किया जाता है ।
समस्त खाद्य कारोबारियों/विनिर्माताओं को निर्देशित किया कि खुला कुट्टू का
आटा का भण्डारण तथा क्रय-विक्रय उनके द्वारा न किया जाये। यदि उक्त खाद्य पदार्थ के
कय-विक्रय/भण्डारण करते हुए कोई भी खाद्य कारोबारी पाया जाता है तो उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत अमल में लायी जायेगी। उन्होंने समस्त जनपदवासियों से अनुरोध करते हुए कहा कि खुले कुट्टू का आटा का क्रय कर उपभोग/ सेवन न करें। साथ में पैक्ड कुट्टू के आटे के पैकेट पर निर्माता का पूरा पता, लाइसेंस/पंजीकरण संख्या पैकिंग डेट तथा एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदे तथा एक माह से पुराना पैक्ड कुट्टू के आटे को प्रयोग में न लायें।