(न्यूज़- राजीव गोयल)

पलियाकलां- खीरी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मैलानी वन रेंज की जटपुरा बीट में हाथियों के आगमन ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। उन्हें रात भर जाग कर अपने फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। वन महकमा भी रात को किसानों की फसल बचाने के लिए हाथियों को जंगल में खदेड़ते रहने का प्रयास करता रहता है। उसके बावजूद जंगल से निकल कर हाथी फसलों को रौंद रहे हैं।बीती रात को मड़हा से चले हाथियों ने सुनहरा भूड़ के रामानंद का करीब ढाई बीघा धान रौंद दिया। गनीमत यह रही कि ग्रामीणों की सतर्कता के चलते हाथी किसानों का ज्यादा नुकसान नहीं कर पाये और जंगल में चले गए। सुबह जब वन विभाग की टीम किसानों के खेतों पर पहुंची तो ग्रामीणों ने आक्रोश दिखाया। जिससे मैलानी रेंजर सहित कई अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया। शुक्रवार की रात गजाधरपुर के पास हाथी जंगल से बाहर निकले। वहां पहाड़नगर निवासी हंसराम, राम शंकर, राम रतन, डालचंद की करीब दो एकड़ फसल को रौंदा। ग्रामीणों द्वारा ढपली, पटाखे और शोर गुल मचाने के बाद हाथी जंगल में वापस चले गए। शनिवार की रात हाथी पुनः जंगल से बाहर निकले और सुनहरा भूड़ निवासी गुरविंदर सिंह का करीब दो बीघा धान रौंद डाला।किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए पूरी रात जागना पड़ रहा है। हाथियों को खेतों में आने से रोकने के लिए ढपली बजाने से लेकर टॉर्च जलाने, मिर्ची युक्त भूसा जलाने ,पटाखे दगाने से लेकर साइलेंसर निकले ट्रैक्टर को तेज आवाज में चलाना पड़ रहा है।ग्रामीण का कहना हैं कि रात को हाथियों की आहट मिलने पर जब वनकर्मियों को फोन मिलाकर जानकारी दी जाती है तो वे दूसरे गांव में होने की बात बताते हैं। जब दूसरे गांव के लोग फोन मिलाते हैं तो वह किसी अन्य गांव में होने की बात बताते हैं। हाथी जब हर रात क्षेत्र में आ रहे हैं तो वन कर्मियों को भी रात के समय बने रहना चाहिए।

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