(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां-( खीरी)लखीमपुर 13 सितंबर। बाढ़ की संभावित विभीषिका, नदियों में बढ़ने वाले जलस्तर को लेकर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल बेहद संजीदा हैं। बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत डीएम ने सभी उप जिलाधिकारियो को न केवल विस्तृत दिशा निर्देश दिए हैं, बल्कि एसडीएम से नियमित बातचीत भी कर रही हैं।
डीएम ने सभी बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट कर दिया है। सभी लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और एसडीएम को भी नदी किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए ताकीद किया गया है। डीएम ने जनता से अपील की है कि घबराएं न अपने को सुरक्षित कर लें। प्रशासन हर स्थिति से निपटने को तैयार है। जनता को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। शारदा नदी के निकटवर्ती गांव जहां जलस्तर बढ़ने से प्रभावित होने की थोड़ी भी आशंका है, वहा के ग्रामवासियो से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की।
डीएम के निर्देश पर एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर शारदा के निकट बसे गांव में मुनादी कराकर ऊंचे स्थानों पर स्थानों पर शरण लेंने, नदी किनारे पर न जाने की अपील कर रहे। प्रशासन द्वारा नदी किनारे बसे ग्रामीणों को अलर्ट जारी करते हुए उन्हें सावधान किया जा रहा हैं।
बढ़ रहा शारदा का जलस्तर, प्रशासन ने कराई गांव-गांव यह मुनादी
पलिया। एसडीएम पलिया कार्तिकेय सिंह ने बताया कि बनबसा बैराज से 4.61 लाख क्यूसेक पानी रिलीज किए जाने विषयक संज्ञानित कराया गया है। इस कारण तहसील पलिया के ग्राम गोविन्दनगर, भानपुरी खजुरिया के क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होने की सम्भावना है। गोविन्दनगर तथा भानपुरी खजुरिया के स्थानीय लोगों से अपील की जाती है कि वे अपेक्षाकृत ऊंचे स्थानों पर शरण लें तथा नदी किनारे पर न जाए, न ही नदी में नाव इत्यादि ले जाए।
बनबसा से डाउनस्ट्रीम में छोड़ा गया 4.61लाख क्यूसेक पानी, बरते सतर्कता, सावधानी
अधिशाषी अभियंता (बाढ़खंड) शारदा नगर अजय कुमार ने बताया कि नेपाल राष्ट्र और उत्तराखंड राज्य में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बनबसा बैराज से डाउनस्ट्रीम में आज दिन में 03 बजे 4.61लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया,लगातार बारिश होने के कारण अभी और डिस्चार्ज बढ़ने की संभावना है। शारदा बैराज पर लगभग 30-35 घंटे में इसका असर आने की संभावना है, जिसके कारण शारदा बैराज से लगभग 03 लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित होगा। चूकि घाघरा नदी में भी डिस्चार्ज क्रमश बढ़ रहा है, जिससे निचले हिस्सो में कई दिनों तक जलभराव बने रहने की संभावना है। इसलिए सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है।