(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी,)लखीमपुर खीरी 07 सितंबर। जिले में सहकारिता विभाग की 132 समितियों के माध्यम से सकिय किसानों, सदस्यों को ऋण, बीज, इफको एवं कृभकों द्वारा प्रदत्त उर्वरक यथा यूरिया, डीएपी, एनपीके, नैनो यूरिया व नैनो डीएपी आदि वितरण किया जाता है।

एआरसीएस (सहकारिता) रजनीश प्रताप सिंह ने विभागीय समीक्षा की। 01 अप्रैल 2024 से ऋण वितरण का वार्षिक लक्ष्य मु. 98100.00 रू0 के सापेक्ष 45576.86 लाख रू. का वितरण किया है। समितियों पर 01 अप्रैल 2024 का बकाया 21672.47 लाख रू. के सापेक्ष कुल 1111.58 लाख रू. की वसूली की गयी, जो लक्ष्य के सापेक्ष अत्यन्त कम पाया गया। जिस कारण एआरसीएस द्वारा काफी रोष प्रकट करते हुए अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी को तत्काल लक्ष्य पूर्ति के लिए निर्देशित किया।

शासन के निर्देश के क्रम में सहकारी समिति पर उर्वरक के लिए किसानों को कोई समस्या न हो, इसके लिए समस्त सचिवों को निर्देशित किया कि समिति की दीवार पर मोटे अक्षर में सचिव की उपस्थिति/समय, बैठने का दिन, मोबाइल नम्बर अंकित कराये, साथ ही जनपद के सहायक आयुक्त एव सहायक निबन्धक सहकारिता, तहसील के प्रभारी अपर जिला सहकारी अधिकारी एवं ब्लाक स्तरीय सहायक विकास अधिकारी (सह०) का नाम व मोबाइल नं0 भी अंकित करायें जाने के निर्देश दिये है। जिससे किसान भाई आसानी से उनके सम्पर्क कर सके।

सहायक आयुक्त एव सहायक निबन्धक सहकारिता, सहायक विकास अधिकारियों एव अपर जिला सहकारियों द्वारा निरन्तर समितियों का निरीक्षण/सत्यापन भी किया जा रहा है। कार्य के प्रति लापरवाह पाये जाने के क्रम में
एआरसीएस द्वारा कठोर कार्यवाही करते हुए एक समिति सचिव तथा एक शाखा प्रबन्धक को निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही 10 समिति सचिव जिनके द्वारा न्यूनतम ऋण वितरण एवं वसूली की गयी है, उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुए एक दिन का वेतन वाधित किया गया है। किसी भी तरह की अनियमितता पायी जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए यथाविधि कार्यवाही की जायेगी।

एआरसीएस ने तहसील के प्रभारी अपर जिला सहकारी अधिकारी एवं ब्लाक स्तरीय एडीओ (सह०) को निर्देशित किया कि अपने ब्लाक व तहसील के सचिवों की उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज कराना सुनिश्चित करें। सचिवों की कमी के कारण एक से अधिक समिति का प्रभार धारित करने वाले सचिवों की समिति पर उपस्थित सुनिश्चित करने हेतु रोस्टर व्यवस्था लागू कर दी गयी है। साथ ही सचिवों को यह भी निर्देशित किया कि यदि वह किसी अपरिहार्य कारण वश समिति पर उपस्थित नहीं रहते है तो इसकी सूचना समिति के सूचना पट्ट पर अवश्य अंकित कराये। यह भी निर्देशित किया कि उवर्रक का वितरण केवल पीओएस मशीन के माध्यम से सत्यापन के उपरान्त ही नियमानुसार वितरण किया जाये। इस प्रकार जनपद में उर्वरक वितरण में सहकारिता विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि सहकारी समितियों के माध्यम से ही उर्वरक प्राप्त करें।

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