(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- खीरी लखीमपुर 15 अक्टूबर। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों की दशा व दिशा बदली तो लोगों की सोच भी बदल गई है। खीरी जिले के संचालित परिषदीय विद्यालयों में हुए नौनिहालों के नामांकन में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। लोगों का भरोसा सरकारी स्कूल की व्यवस्थाओं पर बढ़ा है।

स्कूल भवन के आकर्षण कक्ष, यूनिफार्म में पढ़ते विद्यार्थियों में शिष्टाचार, साफ सफाई के साथ विद्यालय में गुणवत्तायुक्त पढ़ाई। ऐसी नजारा संविलियन विद्यालय गुदरिया का है। जहा इं. हेडमास्टर अपनेश चंद्र वर्मा व उनकी टीम शिक्षक चन्द्रपाल, धर्मेंद्र, प्रफुल्ल, रुचि एवं रीता ने विद्यालय की सूरत ही बदल दी। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल “best school of the week” के तहत सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।

जनपद खीरी के सुदूर अँचल में स्थित ब्लॉक धौरहरा से 12 किमी पूरब, असम रोड पर स्थित रेहुआ तिराहा से पश्चिम 07 किमी दूरी पर स्थित संविलियन विद्यालय गुदरिया जो अपने बड़े चौकोर परिसर, प्राकृतिक वातावरण, अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में विद्यालय में नामांकित छात्र संख्या 495 है।

अभिभावकों को लुभाती स्कूल की खूबियां
विद्यालय में कक्षा कक्षो में पंखे व लाइट व फुल साइज 6×4 वर्ग फिट के व्हाइट बोर्ड लगे हैं। विद्यालय चहारदीवारी से घिरा है। बालक-बालिकाओं के लिए टायलयुक्त शौचालय है। रनिंग वॉटर एवं बालिकाओं के लिए इंसिनेटर उपलब्ध हैं। विद्यालय परिसर सीसीटीवी कैमरा से लैस है। कक्षा 01 से 08 तक के बच्चों के लिए खेल सामग्री, झूले उपलब्ध होने से बच्चों की उपस्थिति, ठहराव में वृद्धि हुई। कक्षा 01 से 03 तक के नौनिहालों के लिए कक्षाओं में रीडिंग कॉर्नर एवं कक्षा 04 से 08 तक के बच्चों को नियमित पुस्तकालय से किताबें निर्गत की जाती है। बच्चे पढ़ने में रुचि ले रहे हैं। भैतिक व रसायन विज्ञान लैब का कार्य गतिमान है। एलईडी टीवी से बच्चे विषयवस्तु की पढ़ाई, शिक्षाप्रद चलचित्र कहानियां देखते हैं। विद्यालय का शैक्षिक परिवेश बहुत अच्छा है । 495 छात्रों के सापेक्ष 04 नियमित शिक्षक एवं 02 अनुदेशिकाएं शिक्षण कार्य करते है एवं 05 रसोइया भोजन बनाने का कार्य करते हैं। प्रत्येक सोमवार को फल वितरण व प्रत्येक बुधवार को दुग्ध वितरण नियमित होता है।

बाल संसद बनी नोनिहालों में प्रशासनिक दक्षता का सृजन का आधार
छात्र-छात्राओं के बीच बाल संसद गठित है। उन्ही में से विद्यालय पुलिस की एक टुकड़ी बनाई है, जो विद्यालय में कई प्रकार की कार्यवाही करती है यथा पढ़ाई के बाद खाली समय में विद्यालय के छोटे-बड़े लगभग 125 पौधों की देखरेख, बच्चों में सौहार्दपूर्ण का वातावरण पैदा करना, शैतानी करने वाले बच्चों को चिन्हित करने जैसे कार्यों से उनके भीतर प्रशासनिक क्षमता का सृजन करती है।

निपुण लक्ष्य को पाने को संकल्पित होकर काम कर रहे शिक्षक
निपुण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी बच्चों को विभाग के निर्देशानुसार पढ़ाया जाता है ।विद्यालय के 06 छात्रों के 800 से 1000 अंग्रेजी शब्द व 40 से 45 तक पहाड़ा व अंग्रेजी की अनेक कविताएं कंठस्थ है। अधिकांश छात्र 20 तक पहाड़ा, अंग्रेजी के 300 से 500 शब्द व अंग्रेजी की कविताएं कंठस्थ हैं। विद्यालय के अनेक छात्र देश के सभी प्रदेशों के नाम मय राजधानी, प्रदेश के सभी जिलों के नाम व अपने जनपद खीरी की सभी तहसीलों, ब्लॉक व धौरहरा ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों के नाम कंठस्थ हैं।

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