पलियाकलां- (खीरी ) कार्यालय गन्ना एवं चीनी आयुक्त, उत्तर प्रदेश 17, न्यू बेरी रोड, डालीबाग, लखनऊ
परिपत्र संख्या : ०७/सी / क्रय-2/01/सर्वेक्षण/2024 दिनांक : 10.04.2024
1. समस्त परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त 2. समस्त जिला गन्ना अधिकारी उत्तर प्रदेश
विषय :- गन्ना सर्वेक्षण पेराई सत्र 2023-24 वास्ते पेराई सत्र 2024-25 ।
प्रत्येक पेराई सत्र में गन्ने के सम्भावित उत्पादन को ध्यान में रखकर चीनी मिलों के गन्ना क्षेत्र का निर्धारण तथा किसानों द्वारा उत्पादित गन्ने की चीनी मिलों को आपूर्ति की योजना तैयार की जाती है। गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिए बोये गये गन्ने के क्षेत्र का सही सर्वेक्षण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं आधारभूत कार्य है, जिसे पूरी शुद्धता, तत्परता एवं निष्ठा से किए जाने की आवश्यकता है। इसके प्रमुख अवयवों यथा 1-सर्वेक्षण प्रक्रिया, 2-निरीक्षण एवं अनुश्रवण, 3-सर्वे आंकडों को अन्तिम रूप दिया जाना, 4-नये सदस्यों का पंजीयन, 5-उपज बढोत्तरी हेतु प्राप्त प्रार्थना पत्रों का सूचीकरण इत्यादि का विशेष महत्व है। इस सम्बन्ध में उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 की धारा-14 में वर्णित प्राविधानों के आलोक में गन्ना सर्वेक्षण सम्बन्धी कार्यों के सम्यक् निष्पादन हेतु निम्नलिखित दिशानिर्देश निर्गत किये जा रहे हैं-1- 1.1 गन्ना सर्वेक्षण की प्रक्रिया – सर्वेक्षण प्रणाली :-
गन्ना सर्वेक्षण का कार्य मीट्रिक प्रणाली पर आधारित होगा तथा शत-प्रतिशत सर्वेक्षण जी.पी.एस. से किया जायेगा।
1.2 सर्वेक्षण की समय-सारणी
गन्ना सर्वेक्षण का कार्य दिनांक 15 अप्रैल, 2024 से आरम्भ कर दिनांक 15 जून, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। गन्ना सर्वेक्षण का समस्त कार्यकम परिशिष्ट-2 में दी गई समय-सारणी के अनुसार पूर्ण किया जायेगा।
1.3 सर्वेक्षण के लिए राजस्व अभिलेख :
वर्तमान में राजस्व अभिलेख www.upbhulekh.gov.in पर उपलब्ध हैं। अस्तु किसी भी गन्ना कृषक के राजस्व अभिलेखों का सत्यापन प्रश्नगत वेबसाइट के माध्यम से किया जा सकता है।
1.4 घोषणा पत्र की प्राप्ति अनिवार्य :1.4.1 सर्वेक्षण प्रारम्भ करने से पूर्व सर्वेक्षण टीम द्वारा सम्बन्धित ग्रामों के कृषकों द्वारा बोये गये गन्ना क्षेत्रफल के सम्बन्ध में निर्धारित प्रारूप enquiry.caneup.in पर आनलाइन भरे गये घोषणा पत्रों की सूची प्राप्-1-
सर्वेक्षण नीति 2024-25
की जायेगी तथा घोषणा पत्रों में उल्लिखित सूचनाओं का शत-प्रतिशत सत्यापन सर्वेक्षण के समय किया जायेगा।
)1.4.2. सम्बन्धित गन्ना पर्यवेक्षक का यह दायित्व होगा कि सर्किल से सम्बन्धित समस्त गन्ना कृषकों के घोषणा पत्र आनलाइन enquiry.caneup.in के माध्यम से प्राप्त कर लिए जाये।
1.4.3. यह स्पष्ट किया जाता है कि जो किसान आनलाइन घोषणा पत्र उपलब्ध नहीं करायेंगे, ऐसे कृषकों का सट्टा आगामी पेराई सत्र 2024-25 में विभाग द्वारा कभी भी बन्द किया जा सकता है। सम्बन्धित किसान को अपना घोषणा पत्र स्वयं आनलाइन भरना होगा।
1.4.4 सर्वेक्षण करते समय किसान द्वारा आनलाइन भरे गये घोषणा पत्र का परीक्षण करके सर्वे टीम द्वारा पुष्टि की जायेगी। सर्वेक्षणकर्ता सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गये विवरण के आधार पर किसानों द्वारा आनलाइन भरे गये घोषणा पत्र की प्रविष्टियों का भी सत्यापन करेंगे। यदि यह पाया जाता है कि घोषणा पत्र में जानबूझकर गलत प्रविष्टि दर्शायी गई है, तो आवश्यक कार्यवाही हेतु अलग से परिशिष्ट-3 पर सूची उपलब्ध करायेंगे।
इसी क्रम में गन्ना पर्यवेक्षक / सर्किल इन्चार्ज ऐसे कृषकों को आनलाइन घोषणा पत्र भरे जाने हेतु प्रेरित करेंगे जिनके द्वारा सर्वेक्षण तिथि तक आनलाइन घोषणा पत्र नहीं भरा गया हो।
1.5 गन्ना सर्वेक्षण हेतु कार्यकम का निर्धारण :-
गन्ना सर्वेक्षण हेतु संयुक्त दल का गठन एवं विस्तृत कार्यक्रम का निर्धारण ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा चीनी मिल से परामर्श कर सर्वेक्षण प्रारम्भ करने से पूर्व कर लिया जाय। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सर्वेक्षण कार्यक्रम एवं इसमें लगे कर्मियों की सूचना सम्बन्धित जिला गन्ना अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायेंगे, जो अपने स्तर से समुचित मार्गदर्शन एवं अनुश्रवण कर सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करायेंगे। सर्वेक्षण कार्यक्रम एवं इसमें लगे कर्मियों की सूचना की एक प्रति सम्बन्धित चीनी मिलों को भी उपलब्ध करायी जायेगी। जिला गन्ना अधिकारी अपने जिले में सर्वे जांच हेतु आने वाले अन्य अधिकारियों को भी कार्यक्रम की प्रति उपलब्ध करायेगे।
1.5.1 गन्ना सर्वेक्षण के प्रयोजन हेतु प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में स्टाफ की उपलब्धता के अनुरूप 500 से 1,000 हेक्टेयर तक की अस्थाई सर्किलें बनायी जायेंगी। गन्ना सर्वेक्षण टीम में एक कर्मचारी राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक तथा एक कर्मचारी चीनी मिल का होगा। जिन परिषदों में गन्ना सर्वेक्षण हेतु बनाई गई अस्थायी सर्किलों के सापेक्ष राजकीय गन्ना पर्यवेक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होगी, केवल उन्हीं परिषदों में राजकीय गन्ना पर्यवेक्षकों की कमी के सापेक्ष उतनी संख्या में समिति कर्मचारी लगाये जा सकेंगे। प्रत्येक सर्किल हेतु एक सर्किल इन्चार्ज नियुक्त किया जायेगा। सर्किल इन्चार्ज राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक / समिति कर्मचारी होगा। इसके साथ ही साथ यह
भी सुनिश्चित किया जायेगा कि सर्वेक्षणकर्ता द्वारा गत पेराई सत्र में जिस सर्किल का सर्वेक्षण किया गया था, वह वर्तमान पेराई सत्र में उस सर्किल का सर्वेक्षण कार्य नहीं करेगा।
1.5.2 सर्वेक्षण हेतु गठित टीमों के लिए पर्याप्त गन्ना पर्यवेक्षक उपलब्ध न होने पर परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त की पूर्व स्वीकृति लेकर यथा आवश्यक उन्हीं समिति कर्मचारियों को कार्य पर रखा जायेगा जो एच.एच.सी. चलाने में निपुण हों। गन्ना समिति के कर्मचारियों की कार्यावधि दो माह से अधिक नहीं होगी किन्तु इनका वेतन भुगतान, इन्हें सौंपे गये कार्य के सम्पादन के सम्बन्ध में ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र के आधार पर ही किया जायेगा।
1.5.3 प्रत्येक जोन में नियुक्त गन्ना विकास निरीक्षकों के साथ-साथ समिति में नियुक्त विशेष सचिव/सचिव, प्रभारी सचिव, को गन्ना सर्वेक्षण कार्य के लिए ब्लाक प्रभारी नियुक्त किया जायेगा, जो अपने पर्यवेक्षण में इस कार्य को सम्पन्न करायेंगे। जोन स्तर पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, जिला स्तर पर जिला गन्ना अधिकारी एवं परिक्षेत्रीय स्तर पर उप गन्ना आयुक्त सर्वेक्षण कार्य के लिए उत्तरदायी होंगे।
1.5.4 गन्ना सर्वेक्षण टीम में उन्हीं कर्मचारियों को रखा जायेगा, जो गन्ना सर्वेक्षण की मूलभूत जानकारी रखते हों। गन्ना सर्वेक्षण प्रारम्भ करने के पूर्व सर्वेक्षण टीम का मिल/जोन स्तर पर जिला गन्ना अधिकारियों के निर्देशन में प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक इस प्रशिक्षण के संयोजक होंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वेक्षण नीति पेराई सत्र 2023-24 वास्ते पेराई सत्र 2024-25 में उल्लिखित बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की जायेगी तथा सर्वेक्षण कर्मियों की पृच्छाओं का मौके पर ही समाधान किया जायेगा। प्रशिक्षण सम्पन्न होने के उपरान्त प्रशिक्षण में भाग लेने वाले कार्मिकों को एक प्रश्नावली (Questionnaire) देकर उनकी ग्राहयता / फीडबैक भी प्राप्त किया जायेगा। प्रशिक्षण उपरान्त गन्ना सर्वेक्षण हेतु आवश्यक समस्त वांछित अभिलेख / सामग्री सर्वेक्षण टीम को उपलब्ध करा दिये जायेंगें।
1.5.5. ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं चीनी मिल द्वारा टीमवार, तिथिवार, ग्रामवार गन्ना सर्वेक्षण कार्यक्रम का लीफलेट, पैम्पलेट, स्थानीय समाचार-पत्रों एवं एस.एम.एस. आदि के माध्यम से विधिवत् प्रचार-प्रसार किया जायेगा, ताकि सर्वे टीम के गांव में पहुंचने की जानकारी कृषकों को हो जाय, जिससे सर्वे कार्य में उनका पूर्ण सहयोग मिल सके ।
1.6 पूर्व वर्ष के सर्वेक्षण अभिलेखों की अभिरक्षा :-
1.6.1 वर्तमान फसल का सर्वेक्षण प्रारम्भ होने से पूर्व ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि विगत वर्षों के समस्त कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर उनके कार्यालय में जमा करा लिए गये हैं। वे इस आशय का प्रमाण-पत्र जिला गन्ना अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। प्रमाण-पत्र जिला गन्ना अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिला -3-
गन्ना अधिकारी इन अभिलेखों को अपनी अभिरक्षा में किसी उपयुक्त स्थान पर अनुरक्षित करेंगे, ताकि पूर्व वर्ष के आंकड़ों के आधार पर बिना प्लाटवार माप किए ही सर्वेक्षण अभिलेख तैयार करने की सम्भावना को समाप्त किया जा सके। गन्ना सर्वेक्षण पूर्ण होने के उपरान्त गत वर्ष की जमा गश्तियों को सम्पन्न गन्ना सर्वेक्षण के आंकडो के मिलान हेतु उपलब्ध कराया जायेगा।
गन्ना सर्वेक्षण की समाप्ति के उपरान्त सत्यापित (Verified) प्रथम पेडी गन्ना के किस्मवार क्षेत्रफल तथा पेराई सत्र 2022-23 वास्ते 2023-24 में मापे जा चुके किस्मवार पौधे गन्ने के क्षेत्रफल के तुलनात्मक आंकडो सहित चीनी मिल के मुख्य गन्ना अधिकारी/मुख्य गन्ना प्रबन्धक / महाप्रबन्धक (गन्ना) इस आशय का एक प्रमाण-पत्र ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के माध्यम से सम्बन्धित जिला गन्ना अधिकारी को मिल संचालन से पूर्व अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करेगें कि पेराई सत्र 2022-23 वास्ते 2023-24 के पौधे गन्ने एवं पेराई सत्र 2023-24 वास्ते पेराई सत्र 2024-25 के लिए प्रथम पेड़ी गन्ने के किस्मवार क्षेत्रफल में कोई सार्थक (Significant) भिन्नता नहीं है। भविष्य में चीनी मिल संचालित हो जाने के उपरान्त यदि इन दोनों आंकडों में किस्मवार कोई सार्थक भिन्नता प्रकाश में आती है तो सम्बन्धित सर्वेक्षणकर्ता एवं सम्बन्धित ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक तथा मिल के मुख्य गन्ना अधिकारी / मुख्य गन्ना प्रबन्धक / महाप्रबन्धक (गन्ना) एवं ए.ई.डी.पी. के साथ ही साथ यूनिट हेड संयुक्त रूप से उत्तरदायी मानें जायेगें। उत्तरदायी
कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्यवाही के साथ ही साथ डाटा में छेड़छाड़ मानते हुए विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
.6.2 गत पेराई सत्र के सर्वेक्षण से सम्बन्धित जो आंकडे समितियों / चीनी मिलों के कम्प्यूटर में अनुरक्षित हों, उन्हें भी कम्प्यूटर से पेनड्राइव में लेकर, उपर्युक्तानुसार जिला गन्ना अधिकारी द्वारा अनुरक्षित किया जायेगा। इन आंकड़ों को पेनड्राइव पर अनुरक्षित कर लेने के उपरान्त गत पेराई सत्र के सर्वे डाटा को कम्प्यूटर से हटा दिया जायेगा। स्मार्ट गन्ना किसान (S.G.K.) पर पर्ची निर्गमन हेतु पेराई सत्र 2023-24 के अन्तिम आंकड़ों से वर्तमान सत्र के गन्ना क्षेत्रफल के ग्रामवार अन्तिम आंकड़ों का अवश्य मिलान कर लिया जाये।
.6.2. (अ) स्मार्ट गन्ना किसान (S.G.K.)
कृषकों को गन्ना आपूर्ति एवं गन्ना मूल्य भुगतान की सूचनाओं की शुद्धता, सुगमता से उपलब्धता एवं उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण की दृष्टि से विभाग में स्मार्ट गन्ना किसान (एस.जी.के.) परियोजना लागू की गई है, जिसमें विभागीय एस.जी.के. के माध्यम से वेबसाइट, e-Ganna App, एस.एम. एस., हैण्डहेल्ड कम्प्यूटर / लिंक एच.एच.सी. सिस्टम लागू कराया गया है।
उपर्युक्तानुसार एस.जी. के. का लाभ गन्ना कृषकों को पहुंचाने के दृष्टिगत गन्ना सर्वेक्षण के कार्य में निम्न प्रकार व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जायेगी ।
(अभी शेष है)
